ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित है, जो ॐ के आकार में बहती हैं.
ओंकार पर्वत पर मौजूद होने की वजह से यहां 'ॐ' की आकृति दिखाई देती है.
भगवान शंकर का यह ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर और ममलेश्वर दो रूपों में विराजमान है.
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान चौथा है, यह नर्मदाजी के उत्तर तट पर स्थित है.
मान्यता है कि भगवान शिव दिन में कही भी रहे, लेकिन वह माता पार्वती के साथ ओंकारेश्वर में रात्रि विश्राम करते हैं.
मान्यता है कि भगवान शंकर यहां रात्रि विश्राम के दौरान माता पार्वती के साथ चौसर खेलते हैं.
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में महाशिवरात्रि पर खास आयोजन होता है, इस दिन 251 किलो पेड़े का भोग लगाया जाता है.
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में महाशिवरात्रि पर खास आयोजन होता है, इस दिन 251 किलो पेड़े का भोग लगाया जाता है.
मान्यता है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में 33 करोड़ देवता परिवार के साथ निवास करते हैं.
धर्म ग्रंथों के अनुसार ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में कुल 68 तीर्थ स्थित हैं, जहां भक्तों को दर्शन का विशेष लाभ मिलता है.