क्या है प्रेम.. मुरारी बापू जी से जानिए
Abhinaw Tripathi
Dec 03, 2024
Murari Bapu Thoghts
प्रेम को लेकर तरह- तरह के तर्क दिए गए हैं, लोगों ने अलग- अलग तरीके से प्रेम को देखा है, आइए हम जानते हैं कि मुरारी बापू जी के मुताबिक प्रेम क्या है.
ये बनाती हैं मजबूत
हमारे अंदर के लोह तत्व को सयंम, तप और श्रम मजबूत बनाती हैं.
भाग दौड़
यदि हम थोड़ा सा प्रयास करें तो भाग दौड़ भरे जीवन को साधना बना सकते हैं.
अवाख्य
मुरारी बापू के अनुसार प्रेम अवाख्य है, इसकी व्याख्या नहीं की जा सकती.
आंसू
प्रेम की कोई भाषा है या फिर कोई लिपि है तो वो आंसू है.
प्रेम बस प्रेम है
दुनिया में बस यही प्रेम है, प्रेम का कोई अर्थ नहीं है
परमात्मा
प्रेम परमात्मा है इसे रूह से महसूस करो, प्रेम को प्रेम ही रहने दो. उसे कोई नाम न दो.
साधु
जिसके साथ साधु है उसे स्वर्ग की क्या जरूरत है.
ये है गुनाह
असफल होना गुनाह नहीं बल्कि सफलता के लिए उत्साह न होना गुनाह है.
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