गरबा तो आप सभी ने देखा होगा, लेकिन हाथ में जलता हुआ खप्पर और तलवार के साथ गरबा बहुत कम लोगों ने ही देखा होगा. जी हां यह खप्पर गरबा खरगोन के भावसार क्षत्रिय समाज में महाआष्टमी की मध्यरात्रि से शुरू होता है. यह समाज 406 वर्षो से निकल रही सवारी की परम्परा निर्वाहन कर रहा है. सिद्धनाथ महादेव मंदिर में रात्रि 2 बजे से सुबह साढ़े 5 बजे तक आस्था का सैलाब उमड़ता है. महाअष्टमी पर गरबियों के साथ मां के भजनों से परिसर गूंज उठाता है. मां अम्बे की खप्पर सवारी के दौरान गरबियों की प्रस्तुति ढोलक झान-मजीरा आकर्षण का केन्द्र रहते हैं.
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