MP में BJP ने साधा अंचलों का राजनीतिक गणित, जानिए चार चेहरों का सियासी समीकरण
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MP में BJP ने साधा अंचलों का राजनीतिक गणित, जानिए चार चेहरों का सियासी समीकरण

Mohan Yadav new CM: मध्य प्रदेश में बीजेपी न केवल जातिगत समीकरणों की राजनीति को साध रही है. बीजेपी ने आज जो चार फैसले किए हैं, उनमें इस बात की झलक पूरी तरह से दिख रही है. 

चार चेहरों का सियासी समीकरण

Madhya Pradesh Politics: बीजेपी चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जानी जाती है. एक बार फिर यह बात साबित हो गई. मध्य प्रदेश में भाजपा ने तमाम दिग्गजों को दरकिनार करते हुए मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है. जबकि राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को डिप्टी सीएम बनाया है. इसके अलावा कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. खास बात यह है कि इन चार नेताओं के जरिए बीजेपी ने जितना जोर जातिगत समीकरणों पर दिया है. उतना ही जोर बीजेपी ने मध्य प्रदेश की अंचल वाली राजनीति को भी दिया है. जिसके बारे में हम आपको बताते हैं. 

मोहन यादव और जगदीश देवड़ा 

मध्य प्रदेश की सत्ता में अगर रहना है तो मालवा-निमाड़ को जीतना बहुत जरूरी है. क्योंकि 65 विधानसभा सीटों वाले मालवा-निमाड़ से ही प्रदेश की सत्ता का रास्ता निकलता है. बीजेपी को इस बार 65 में से 45 सीटें जीती है, ऐसे में पार्टी को एक बार फिर से जोरदार बहुमत मिला है. यही वजह है कि बीजेपी ने इसी अंचल से आने वाले मोहन यादव को मुख्यमंत्री और जगदीश देवड़ा को उपमुख्यमंत्री बनाया है. इसके अलावा बीजेपी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि मालवा-निमाड़ बीजेपी के लिए अहम है. 

राजेंद्र शुक्ला के जरिए साधा विंध्य 

विंध्य अंचल मध्य प्रदेश की राजनीति में हमेशा से अहम माना जाता रहा है. विंध्य की 31 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने हमेशा पूरा जोर लगाया है. खास बात यह है कि यह अंचल ब्राह्राण बहुल रहा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य में बीजेपी को 31 में से 26 सीटें मिली थी. लेकिन मंत्रिमंडल में बीजेपी को पर्याप्त जगह नहीं मिली थी. 2023 के चुनाव से ऐन पहले राजेंद्र शुक्ला को शिवराज सरकार में मंत्री बनाया गया, जिसका फायदा बीजेपी को मिला. पार्टी एक बार फिर से विंध्य की 31 सीटों में से 25 सीटें जीत गई. ऐसे में बीजेपी ने इस बार विंध्य को पर्याप्त तव्वजों देते हुए न केवल राजेंद्र शुक्ल को उपमुख्यमंत्री बनाया है, बल्कि ब्राह्मण वर्ग पर भी पूरा जोर लगाया है. 

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ग्वालियर-चंबल से नरेंद्र सिंह तोमर 

किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बाद अगर कोई बड़ा पद माना जाता है तो वह विधानसभा अध्यक्ष का होता है. बीजेपी ने यह पद इस बार ग्वालियर-चंबल अंचल के हिस्से में दिया है. ग्वालियर चंबल अंचल की 34 में से 18 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है. ऐसे में पार्टी ने सीनियर नेता नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है. तोमर मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं. 

महाकौशल और मध्य भारत से हो सकती हैं मंत्रियों की फौज 

खास बात यह है कि अब मोहन यादव के मंत्रिमंडल में महाकौशल और मध्य भारत अंचल से मंत्रियों की फौज हो सकती है. क्योंकि इस अंचल से कई बड़े नेता चुनाव जीते हैं. जिन्हें बड़े पद दिए जा सकते हैं. इसके अलावा बुंदेलखंड अंचल पर का भी मंत्रिमंडल में अच्छा खासा प्रभाव हो सकता है. 

निशाने पर 2024 का चुनाव 

बीजेपी के निशाने पर 2024 का लोकसभा चुनाव है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जातिगत समीकरणों के साथ-साथ बीजेपी को अंचल की राजनीति को भी साधना जरूरी है. पार्टी ने मालवा निमाड़ में सबसे ज्यादा आने वाली लोकसभा सीटों पर भी फोकस किया है. ऐसे में यह फैसला कितना कारगर साबित होता है, यह जल्द ही देखने को मिलेगा. 

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