Madhya Pradesh News: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इंदौर में रविवार को प्रदेश की पहली ड्रग्स टेस्टिंग लैब का शुभारंभ किया. इस दौरान उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद रहे. मंडाविया ने साथ ही वर्चुअल रूप से एम्स भोपाल में 5 आधुनिक सुविधाओं का लोकार्पण भी किया.
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Madhya Pradesh News: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इंदौर में रविवार को प्रदेश की पहली ड्रग्स टेस्टिंग लैब का शुभारंभ किया. इस दौरान उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद रहे. मंडाविया ने साथ ही वर्चुअल रूप से एम्स भोपाल में 5 आधुनिक सुविधाओं का लोकार्पण भी किया. इंदौर के जीपीओ चौराहे पर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला देश की आठवीं और प्रदेश की पहली केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला है.
डॉ. मनसुख मांडविया हीरक जयंती समारोह में भी शामिल हुए. भोपाल में विभिन्न सुविधाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी यहीं से किया गया. इस अवसर पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया राजीव सिंह रघुवंशी, एम्स भोपाल के सीईओ अजय सिंह एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे. कार्यक्रम में मंडाविया ने प्रदेश के सीएम डॉक्टर मोहन यादव की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि मोहन यादव में नये विचार हैं. नई ऊर्जा और काम करने का जज्बा है. नए सीएम में महाकाल की धरती की प्रेरणा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा सीएम एमपी के लिए कोई कमी नहीं आने देंगे.
मुख्यमंत्री ने ली अधिकारियों की बैठक
दूसरी ओर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सीवेज और गंदे पानी को को लेकर देवास, उज्जैन और इंदौर के अधिकारियों के साथ बैठक की. सीएम ने सीवेज और नालों का गन्दा पानी शिप्रा नदी में न मिले, इसके लिये अधिकारियों को प्लान तैयार करने लिए कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि सीवेज एवं नालों का गन्दा पानी शिप्रा में मिल रहा है. नदी संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये विशेषज्ञों की राय ली जाए. गन्दा पानी शिप्रा में जाने से कैसे रोकें. इसका प्लान तैयार किया जाये.
स्टापडेम बनाने को कहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्दे पानी के नाले एवं सीवेज को रोकने के लिये सांवेर, रामवासा, पंथपिपलई, राघौपिपल्या में स्टापडेम बनाया जाए और यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाये. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से साफ हुए पानी का उपयोग किसान सिंचाई हेतु करें. इसके लिये किसानों को समझाइश भी दी जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में गन्दा पानी शिप्रा में जाने से रोकना चाहिये. मुख्यमंत्री ने साल दो साल में नई कॉलोनियां भी डेवलप होती हैं. वहां के सीवरेज के पानी की निकासी भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए. वह पानी किसी भी स्थिति में शिप्रा नदी में न मिले.