Ujjain Baba Mahakal: सावन के तीसरे सोमवार पर उज्जैन स्थित बाबा महाकाल का चंदन और भांग का से बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया. आज शाम 4 बजे बाबा महाकाल शिवतांडव स्वरूप में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे. आज 365 दिन महाकाल शिखर पर स्थित नागचंद्रेश्वर के द्वार 24 घंटे के लिए खोले जाएंगे.
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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: श्रावण माह में बड़े हर्ष उल्लास व भक्ति भाव के साथ शिव भक्त शिवालयों में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में मंदिर पहुंच रहे हैं. आज श्रावण का तीसरा सोमवार है, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिण मुखी बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में श्रावण पर्व के तीसरे सोमवार को भी पुजारी महेश शर्मा के अनुसार तड़के 2:30 बजे गर्भ गृह के पट खोले गए सर्वप्रथम पंचायतन देवता की पूजा की गई उसके बाद घण्टी हुई और आम दर्शनार्थियों को बाबा के दर्शन हेतु प्रवेश दिया गया.
महाकाल के जयघोष से गुंज उठी अवंतिका नगरी
सुबह 3:30 बजे से 5 बजे के बीच बाबा महाकाल की मंगला आरती जिसे भस्मार्ती कहा जाता है संपन्न की गई. आज सावन का तीसरा सोमवार होने के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी दिखाई दी. देश भर के अलग-अलग कोने से भक्त बाबा की एक झलक पाने उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे और जय श्री महाकाल के जयकारों से मंदिर परिसर व पूरी अवंतिका नगरी गूंज उठी.
भांग और चंदन से किया गया विशेष श्रृंगार
सावन माह में हर रोज बाबा महाकाल का आम दिनों की तरह श्रृंगार पूजन होता है लेकिन सोमवार का दिन विशेष हो जाता है और बाबा का विशेष पंचामृत अभिषेक किया जाता है. आज सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा महाकाल का भांग और चंदन से विशेष श्रृंगार किया गया.
शाम 4 बजे शिव तांडव स्वरूप में विराजमान होंगे बाबा महाकाल
आज सावन के तीसरे सोमवार को भगवान श्री महाकाल शाम 4 बजे शिव तांडव स्वरूप में गरूड पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे. पालकी में श्री चन्द्रमोलीश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश विराजित होंगे. भगवान श्री महाकाल की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमोलीश्वर का पूजन-अर्चन होगा और भगवान महाकाल ठीक 4 बजे प्रजा का हॉल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे.
बाबा महाकाल की पालकी को सशस्त्र पुलिस बल के जवान देंगे सलामी
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलीश्वर को सलामी दी जाएगी. उसके पश्चात परंपरागत मार्ग से होते हुए सवारी शिप्रा तट रामघाट पर पहुंचेगी. जहां पर भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजा-अर्चना की जाएगी. पूजन-अर्चन के बाद सवारी निर्धारित मार्ग से होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी.
365 दिन बाद खोले जाएंगे बाबा नागचंद्रेश्वर का द्वार
आज रात 12 बजे मंदिर के शिखर पर विराजमान नागचंद्रेश्वर के द्वार 24 घंटे के लिए खोले जाएंगे. बाबा नागचंद्रेश्वर के मंदिर का द्वार 365 दिन में एक बार सिर्फ सावन माह के नागपंचमी के दिन खुलता है. बता दें कि साल में एक बार नाग पंचमी के दिन भक्तों को भगवान शिव और उनके अलंकार नागदेवता के मूर्ति व लिंगरूप दोनों के दर्शन होते हैं. नागपंचमी के दिन भगवान नागदेवता की त्रिकाल पूजा होती है. मंगलवार की रात 12 बजे दर्शन पूजन करने के बाद पुनः नागचंद्रेश्वर मंदिर का गर्भगृह एक साल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.
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