Tikamgarh Mine Dispute: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में धजरई आश्रम के संत सीताराम दास महाराज और कांग्रेस के पूर्व विधायक आलोक चतुर्वेदी खदान सीमांकन के मुद्दे पर आमने-सामने आ गए. महंत का दावा है कि वे पेड़ों की रक्षा के लिए वहां गए थे, जबकि चतुर्वेदी ने उन पर तोड़फोड़ का आरोप लगाया.
Trending Photos
Tikamgarh News: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में खदान विवाद को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक व खदान संचालक आलोक चतुर्वेदी एवं धजरई आश्रम के संत सीताराम दास महाराज के बीच विवाद हुआ. पूर्व विधायक का कहना है कि भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा टीकमगढ़ जिले के बैदउ गांव में मिनरल्स की खदान स्वीकृत हुई है. जहां आज डिमार्केशन का कार्य चल रहा था. इसी बीच धजरई आश्रम के महंत तीन-चार गाड़ियों में अपने सहयोगियों को लेकर खदान पर पहुंचे और वहां तोड़फोड़ शुरू कर दी. सूचना मिलते ही वह छतरपुर से विवाद के संबंध में बातचीत करने के लिए जैसे ही महंत जी के आश्रम पहुंचे तो महंत जी देखते ही आक्रोशित हो गए और अपने हाथ में लिए डंडे से मारपीट करने लगे.
MP News: हादसे की शिकार या और कुछ? ग्वालियर में 8वीं मंजिल से गिरकर 14 साल की छात्रा की मौत
'मुझे पकड़कर मारने का प्रयास किया'
वहीं, महंत जी का कहना है कि हम पर्यावरण बचाने के उद्देश्य से खदान पर कट रहे पेड़ों को रोकने के लिए खदान पर गए थे न कि विवाद करने, लेकिन खदान संचालक अपने हथियारबंद साथियों सहित आश्रम में आए और मुझे पकड़कर मारने का प्रयास किया. गांव वालों ने बचाया अन्यथा हमारी हत्या हो सकती थी. पूर्व विधायक व उनके साथियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अपने साथियों सहित महंत ने टीकमगढ़ जतारा मार्ग पर जाम लगाया. उक्त घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
धार्मिक स्थल धजरई आश्रम पहुंचे पूर्व विधायक
आज शनिवार की दोपहर छतरपुर के पूर्व विधायक आलोक चतुर्वेदी टीकमगढ़ जिले के धार्मिक स्थल धजरई आश्रम पहुंचे. जहां पर वह महंत सीताराम से बातचीत कर रहे थे. जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है. बातचीत के दौरान ही महंत को गुस्सा आता है और वह डंडा उठाकर पूर्व विधायक को मारने का प्रयास करते हैं. इतने में वहां पर उपस्थित जनसमुदाय दोनों पक्षों को शांत कराता नजर आ रहा है.
मामले को लेकर ये बोले पूर्व विधायक
जहां विवाद को लेकर पूर्व विधायक का कहना है कि भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा टीकमगढ़ जिले के बैदउ गांव में मिनरल्स की खदान स्वीकृत हुई है. जहां आज डिमार्केशन का कार्य चल रहा था. इसी बीच धजरई आश्रम के महंत तीन-चार गाड़ियों में अपने सहयोगियों को लेकर खदान पर पहुंचे और वहां तोड़फोड़ शुरू कर दी. सूचना मिलते ही वह छतरपुर से विवाद के संबंध में बातचीत करने के लिए जैसे ही महंत जी के आश्रम पहुंचे तो महंत जी देखते ही आक्रोशित हो गए और अपने हाथ में लिए डंडे से मारपीट करने लगे.
सिंधिया को मिली शिकायत, एक इशारे पर अशोकनगर पहुंचे तोमर, अफसरों का इंक्रीमेंट रोका, जानिए मामला?
वहीं, इस पूरे मामले में धजरई आश्रम के महंत जी का कहना है कि हम पर्यावरण बचाने के उद्देश्य से खदान पर कट रहे सैकड़ों पेड़ों को कटने से बचाने के लिए खदान पर गए थे. जहां हमने अपने साथियों सहित पेड़ों से चिपककर पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन किया, न कि वहां कोई विवाद करने गए थे, लेकिन खदान संचालक पूर्व विधायक आलोक चतुर्वेदी छतरपुर से अपने हथियारबंद साथियों सहित आश्रम में आए और मुझे पकड़कर मारने का प्रयास किया. गांव वालों ने बचाया अन्यथा हमारी हत्या हो सकती थी.