MP में अब व्हॉट्सएप, ई-मेल, टेक्स्ट मैसेज से मिलेंगे वारंट और समन, नोटिफिकेशन जारी
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2391904

MP में अब व्हॉट्सएप, ई-मेल, टेक्स्ट मैसेज से मिलेंगे वारंट और समन, नोटिफिकेशन जारी

मध्य प्रदेश सरकार ने आज ऐसा फैसला लिया, जिसके बाद वो पहला राज्य बन गया, जहां अब समन और वारंट की तामील व्हाट्सएप, ई-मेल और टेक्स्ट मैसेज से हो सकेगी. इसके लिए नियम तैयार हो चुके हैं और गृह विभाग ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. 

summon warrants will be issued on watsapp and email

MP Big News: मध्यप्रदेश में अब समन या वॉरंट, ऑनलाइन तामील होगा, यानि व्हाट्सएप, ई-मेल या टेक्स्ट मैसेज पर वॉरंट और समन भेजा जाएगा. इसी के साथ व्हाट्सएप, ई-मेल, टेक्स्ट मैसेज से वारंट - समन जारी कराने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बन गया है. बता दें इसे लेकर नियम तैयार हो चुके हैं. इसे लेकर गृह विभाग ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. 

MP Politics: मोहन कैबिनेट ने कई बड़े फैसले, नगर पालिका अधिनियम में बड़ा संशोधन, जिले में रात बिताएंगे प्रभारी मंत्री

कौन हैं जॉर्ज कुरियन? जो सिंधिया की खाली सीट से हो सकते हैं राज्यसभा प्रत्याशी

अब सीधे न्यायालय से समन और वारंट 
मध्य प्रदेश सरकार ने महज डेढ़ महीने के भीतर एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब सीधे न्यायालय से समन और वारंट जारी किए जा सकेंगे. इस नियम के अनुसार, यदि समन या वारंट ई-मेल के माध्यम से भेजे जाते हैं, तो उन्हें तब तक तामील माना जाएगा, जब तक ई-मेल वापस नहीं आ जाता या वापस नहीं आ जाता. इसका मतलब यह है कि एक बार ई-मेल सफलतापूर्वक डिलीवर हो जाने के बाद, समन या वारंट को आधिकारिक रूप से तामील माना जाएगा. हालांकि, यह नियम उन व्यक्तियों पर लागू नहीं होता है, जो ई-मेल, फोन नंबर या मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग नहीं करते हैं. ऐसे मामलों में, पारंपरिक पद्धति का पालन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय पुलिस स्टेशन के कर्मचारी समन या वारंट वितरित करने के लिए जिम्मेदार होंगे.

गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना 
बता दें कि गृह विभाग ने इस नए नियम को लागू करने के लिए गजट अधिसूचना जारी कर दी है. इस पहल से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है और यह डिजिटल युग में न्याय प्रणाली (Justice System) को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस नियम के लागू होने से न्यायिक कार्यवाही में समय और संसाधन दोनों की बचत होने की उम्मीद है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि न्यायालय के आदेश अधिक कुशलता से तामील किए जा सकें.

- नए कानून के तहत डेढ़ महीने में नियम बनाया गया.
- अब सीधे कोर्ट से समन और वारंट जारी किए जा सकेंगे.
- जो आरोपी, गवाह या फरियादी ई-मेल, फोन नंबर या मैसेजिंग एप्लिकेशन का इस्तेमाल नहीं करते उनके लिए ऑनलाइन समन मान्य नहीं होंगे.
- ऐसे मामलों में थाने का स्टाफ वारंट समन तामील करवाएगा.
- ई-मेल बाउंस बैक ना होने पर तामीली मानी जायेगी.
- गृह विभाग ने जारी किया गजट नोटिफिकेशन .

Trending news