मध्य प्रदेश के खंडवा में सीहोर से घून लगा खराब गेहूं एक महीने पहले आया. गेहूं क्वालिटी परीक्षण के लिए अफसरों का इंतजार कर रहा है. लेकिन अभी तक किसी जिम्मेदार को इसकी चिंता नहीं है.
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प्रमोद सिन्हा/खंडवा: जिले में लगभग एक महीने पहले सीहोर से आया लगभग 26 सौ मीट्रिक टन खराब गेहूं क्वालिटी परीक्षण के लिए अफसरों का इंतजार कर रहा है. यह गेहूं स्टेट सिविल सप्लाई विभाग की तरफ से 3 अक्टूबर को खंडवा आया था. यह गेहूं खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर और बड़वानी जिलों की राशन की दुकान में बटने के लिए आया था. खाद्य विभाग ने गेहूं की क्वालिटी ठीक नहीं होने की वजह से इसे राशन की दुकानों पर बटवाने से मना कर दिया. तभी से यह गेहूं सेंट्रल वेयर हाउस के गोदाम में रखा हुआ है.
जानिए पूरा मामला
दरअसल खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर और बड़वानी जिलों के लिए की राशन की दुकानों पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटने के लिए 3 अक्टूबर को सीहोर से 26 सौ मीट्रिक टन गेहूं की रैक आई थी. यह गेहूं सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के खंडवा के डिपो में उतरा था. जब इसका परीक्षण किया तो यह गेहूं लगभग 2 साल पुराना पाया गया. इसमें घून लगा हुआ था और आटा फार्मेशन होने लगा था. खंडवा स्टेट सिविल सप्लाई विभाग के अफसरों ने इसकी रिपोर्ट बनाकर भोपाल वरिष्ठ कार्यालय को भेज दी थी. नागरिक आपूर्ति निगम के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद ही इस गेहूं का निराकरण किया जाएगा. फिलहाल इस गेहूं को सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के अलग गोदामों में सुरक्षित रखवा लिया है.
बाटने योग्य नहीं है राशन
खंडवा में सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन का डिपो है. यहीं से आसपास के जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटने वाला गेहूं भेजा जाता है. सेंट्रल वेयरहाउसिंग का काम सिर्फ गेहूं के भंडारण का है. स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन के कोटे से सीहोर से आए इस गेहूं में से लगभग 14 सौ मैट्रिक टन गेहूं खरगोन और बुरहानपुर जिलों को भेजा गया था. वहां से भी यह गेहूं वापस आ गया. खंडवा के खाद्य विभाग के अफसरों का भी यही कहना है कि गेहूं की क्वालिटी खराब होने की वजह से यह राशन की दुकानों पर बाटने योग्य नहीं है.
एक महीने से गोदामों में सड़ रहा गेहूं
हालांकि राशन की दुकानों पर फिलहाल गोदामों में रखा हुआ अच्छी क्वालिटी का गेहूं उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि जो खराब क्वालिटी का घून लगा हुआ गेहूं एक महीने से गोदामों में रखा हुआ है. जिम्मेदार अफसरों की लेटलतीफी की वजह से यह धीरे-धीरे और ज्यादा खराब होते जा रहा है इसकी चिंता किसी को नहीं है.
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