Sawan Pradosh Vrat: सावन के प्रदोष व्रत पर बन रहा अमृत योग, जानिए शुभ मुहूर्तऔर पूजा विधि
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Sawan Pradosh Vrat: सावन के प्रदोष व्रत पर बन रहा अमृत योग, जानिए शुभ मुहूर्तऔर पूजा विधि

Sawan First Pradosh Vrat Muhurt: सावन महीने के पहला प्रदोष व्रत 25 जुलाई को रखा जाएगा. इस बार सावन के पहले प्रदोष के दिन सावन का दूसरा सोमवार भी पड़ रहा है. आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

 

Sawan Pradosh Vrat: सावन के प्रदोष व्रत पर बन रहा अमृत योग, जानिए शुभ मुहूर्तऔर पूजा विधि

Pradosh Vrat of Sawan Month: हिंदू धर्म का सबसे पवित्र महीना सावन होता है. धार्मिक मान्यता अनुसार जो भक्त सावन माह में पड़ने वाले प्रदोष और सोमवार का व्रत रखता है उसके जीवन कभी कोई परेशानी नहीं आती है. इस बार सावन महीने का पहला प्रदोष व्रत कल यानी 25 जुलाई को है. इस बार इस व्रत की सबसे खास बात यह है कि इस दिन सोमवार भी पड़ रहा है, इसलिए जो भक्त सोमवार या प्रदोष का व्रत रखेगा उसे दोनों व्रतों का फल मिलेगा. इतना ही नहीं इस दिन कई ऐसे शुभ योग बन रहे हैं, जिस योग में यदि आप पूजा पाठ या कोई मांगलिक कार्य शुरू करते हैं तो उसमे अवश्य लाभ मिलेगा. आइए जानते हैं कैसे रखेंगे सावन सोमवार और प्रदोष का व्रत?

सावन प्रदोष व्रत पर बन रहे कई शुभ योग
(Pradosh Vrat Muhurt) सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले प्रदोष व्रत पर कई शुभ योग बन रहे हैं. सावन माह पहला प्रदोष व्रत 25 जुलाई को है. इस दिन सोमवार है. इसलिए सोमवार और प्रदोष का व्रत एक साथ रखा जाएगा. इतना ही नहीं इस दिन दो शुभ संयोग भी बन रहे हैं.

. सावन के पहले प्रदोष व्रत पर सर्वाथ सिद्धि योग बन रहा है. यह योग सूर्योंदय से शुरू होगा जो मध्य रात्रि तक रहेगा. इस शुभ अवधि में यदि आप शंकर जी की पूजा करते हैं या कोई कार्य शुरू करते हैं तो उसमें अवश्य सफलता मिलेगी.
. सावन के पहले प्रदोष व्रत पर अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है. यह योग भी सूर्योदय से शुरू होकर मध्य रात्रि तक रहेगा. इस योग में गंगा स्नान कर शिव जी की पूजा करना अमृत के समान लाभदायी माना जाता है. इस योग में कालसर्प दोष की पूजा भी की जाती है. 

सावन प्रदोष व्रत रखने के लिए करें ये उपाय

. सावन प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और आस-पास के शिव मंदिर में जाएं.
. भगवान शिव को अक्षत, सफेद, फूल, चंदन, भांग, धतूरा, गाय के दूध, धूप, दीप, पंचामृत, सुपारी और बेलपत्र आदि अर्पित करें.
. शिवलिंग पर दूध या जल से अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.
. प्रदोष व्रत के दिन पूजा के अंत में अपनी सभी तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें और शिव चालीसा का पाठ कर उनकी आरती करें.

सावन प्रदोष व्रत महत्व
सावन का महीना शिव जी का प्रिय महीना होता है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग सावन के महीने में मां पार्वती ने कठोर तप करके भगवान शिव को प्राप्त किया था. सावन के महीने में जो भक्त प्रदोष का व्रत रखकर भगवान शिव का विधि विधान से पूजा और जलाभिषेक करते हैं उन पर भगवान भोले प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. 

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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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