Satna Vidhan Sabha Chunav BJP Vs Congress Condidate List: कांग्रेस ने आगामी चुनावों के लिए सतना सीट से विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को एक बार फिर टिकट दिया है. बीजेपी ने पहले ही इस सीट से सांसद गणेश सिंह को अपना उम्मीदवार चुन लिया था.
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Satna Vidhan Sabha Congress Vs BJP Condidate List: आगामी मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. कांग्रेस ने सतना सीट से वर्तमान विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. गौरतलब है कि बीजेपी ने पहले ही इस सीट से सांसद गणेश सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया था.
कौन हैं सिद्धार्थ कुशवाहा?
सिद्धार्थ कुशवाहा, जिन्हें डब्बू के नाम से भी जाना जाता है, को कांग्रेस ने सतना से टिकट दिया है. उन्होंने 2018 में इस सीट से चुनाव जीता और वो मध्य प्रदेश विधान सभा पहुंचे. बता दें कि सिद्धार्थ के पिता, सुखलाल कुशवाहा, भी सांसद थे. पिछले चुनाव में सिद्धार्थ कुशवाहा ने तीन बार के विधायक शंकरलाल तिवारी को हराकर विधायक बने थे. गौरतलब है कि सतना विधानसभा सीट को ओबीसी के गढ़ के रूप में पहचाना जाता है और सिद्धार्थ ओबीसी समुदाय से आते हैं. उन्हें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का खास माना जाता है. वहीं, दूसरी लिस्ट में भाजपा ने सांसद गणेश सिंह को सतना सीट से उम्मीदवार घोषित किया था. अब इसने सामने कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा चुनाव लड़ेगे. बता दें कि गणेश सिंह लगातार 14वीं, 15वीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा में पहुंचे हैं.
वोटर्स के आंकड़े-जातिगत समीकरण
सतना विधानसभा सीट की बात करें तो चुनाव आयोग के 2018 के आंकड़ों के अनुसार, सतना विधानसभा में 230,000 से अधिक पंजीकृत मतदाता थे, जिसमें लगभग 1.22 लाख पुरुष मतदाता और 1.08 लाख से अधिक महिला मतदाता थे. बता दें कि सतना जिले में क्षत्रिय, पटेल, वैश्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ब्राह्मण समुदायों के मतदाता महत्वपूर्ण प्रभाव रखते हैं.
सतना विधानसभा सीट का इतिहास
ऐतिहासिक रूप से, सतना विधानसभा सीट पर हाल के वर्षों में, 2018 के पहले भाजपा का वर्चस्व था, बीजेपी के शंकरलाल तिवारी ने 2013, 2008 और 2003 में जीत हासिल की थी. वहीं, 1998 में, कांग्रेस के सईद अहमद विजयी हुए. इसके अलावा, भाजपा के बृजेंद्र पाठक ने 1993 और 1990 में जीत हासिल की. 1985 और 1980 के चुनावों में कांग्रेस के लालता प्रसाद खरे ने जीत हासिल की, जबकि 1977 में कांग्रेस के अरुण सिंह विजेता रहे और 1972 में कांग्रेस से ही कांता ने चुनाव जीता.