Chhattisgarh Reservation Amendment Bill: छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने की वजह से कई भर्तियां रुकी हुई हैं. वहीं कई परीक्षाओं के परिणाम रुके हुए हैं.
Trending Photos
सत्य प्रकाश/रायपुरः छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक पर साइन नहीं होने से बहुत सी नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया अटकी हुई है. 76 प्रतिशत आरक्षण को लेकर दो संशोधन विधेयक 2 दिसंबर को ही विधानसभा में पास हो चुके हैं. लेकिन राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए फाइल अब तक राजभवन में अटकी हुई है. इस विधेयक पर हस्ताक्षर से पहले राज्यपाल ने सरकार से 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है, साथ ही राष्ट्रपति से मुलाकात भी किया है. लेकिन आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने की वजह से दर्जनभर से ज्यादा परीक्षाओं के रिजल्ट फंस गए हैं.
आरक्षण पर विवाद
आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने की वजह से सरकारी नौकरी की बाट जोह रहे लाखों अभ्यर्थियों के सामने संशय वाली स्थिति खड़ी हो गई है. इस साल राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2021, वन सेवा परीक्षा, इंजीनियरिंग सर्विस, यूनी भर्ती समेत अन्य कई दर्जन भर परीक्षाएं हुई है. जिनके परिणाम तैयार हैं. लेकिन आरक्षण में हो रहे विवाद के कारण इसे अब तक जारी नहीं किया जा सका है. हालांकि हाईकोर्ट के ताजा फैसले की वजह से फार्मेसी सहित कुछ अन्य पाठ्यक्रमों में एडमिशन का रास्ता खुला है.
इन परीक्षाओं के नतीजे रुके
पीएससी 2021 का इंटरव्यू पूरा हो चुका है, जिसका फाइनल रिजल्ट आना बाकी है. वन सेवा परीक्षा का इंटरव्यू अभी बचा हुआ है. असिस्टेंट डायरेक्टर रिचार्ज, आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर, इंजीनियरिंग सर्विस 2021, फिजियोथैरेपिस्ट, प्यून भर्ती परीक्षा का एग्जाम हो चुका है. इन सभी का रिजल्ट आना बाकी है. इसके साथ ही सीएमओ 2022, साइंटिफिक ऑफिसर, वैज्ञानिक अधिकारी के भी परिणाम अब तक जारी नहीं किए गए हैं. वहीं पुलिस भर्ती परीक्षाएं हो चुकी हैं, जिनका सत्यापन व शारीरिक परीक्षण किया जाना बाकी है. इन सभी में आरक्षण का पेंच भारी पड़ रहा है, क्योंकि जब तक आरक्षण को लेकर स्थिति साफ नहीं हो जाएंगे, तब तक इसी प्रकार से प्रदेश में भर्तियां करना संभव नहीं होगा.
आरक्षण नहीं होने की वजह से प्रभावित होने वाली भर्ती परीक्षाएं-
इन पदों के नोटिफिकेशन भी रुके-
वहीं आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने और भर्तियां रुकने के मसले पर सियासी बयानबाजी भी खूब हो रही है. राजभवन सीधे कांग्रेस और प्रदेश सरकार के निशाने पर है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा है कि हस्ताक्षर हो जाते तो भर्तियों का रास्ता खुलता. लेकिन राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं कर रही हैं.