Chhatarpur News: छतरपुर पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत कुछ दिनों पहले गायब हुई एक नाबालिग को पाकिस्तान बॉर्डर से बरामद किया है. इसके अलावा आरोपी को भी गिरफ्तार किया है. जानिए आखिर कैसे पुलिस को मिली सफलता-
Trending Photos
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पुलिस को ऑपरेशन मुस्कान के तहत करीब 3 महीने पहले गायब हुई एक नाबालिग को ढूंढने में सफलता हासिल हुई है. छतरपुर पुलिस ने नाबालिग को जम्मू-कश्मीर के डुमरा गांव से बरामद किया है, जो पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ गांव है. इस दौरान पुलिस ने आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है.
राजनगर थाना क्षेत्र का मामला
मामला राजनगर थाना क्षेत्र है. 1 दिसंबर 2023 को राजनगर थाने में नाबालिग की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. परिजनों ने शिकायत में बताया था कि आरोपी नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी.
पुलिस ने गठित की टीम
छतरपुर एसपी अमित सांघी ने बताया कि नाबालिग के परिजनों ने 1 दिसंबर 2023 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बाद ऑपरेशन मुस्कान के तहत जिले के सभी थाना प्रभारियों को गुम/अपहृत बालक-बालिकाओं की शीघ्र खोजने के लिए निर्देशित किया गया था. परिजनों ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि उनकी बेटी को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर भगाकर ले गया. इस शिकायत पर जांच के दौरान के लड़की के जम्मू-कश्मीर में होने की संभावना सामने आई.
इस संभावना के आधार पर थाना प्रभारी राजनगर सिद्धार्थ शर्मा के नेतृत्व में टीम रवाना हुई. इसके बाद नाबालिग को जम्मू के ग्राम वनतलाब थाना डुमाना, जो कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से सटा हुआ है वहां से बरामद किया गया. इस दौरान आरोपी को भी पकड़ा गया.
इस केस को सुलझाने में थाना प्रभारी राजनगर सिद्धार्थ शर्मा, रामरतन गोस्वामी, प्रधान आरक्षक सूर्य प्रकाश बाजपेयी, आरक्षक प्रभात द्विवेदी, आरक्षक शिवकुमार,आरक्षक नीतू गर्ग, आरक्षक अंकित थाना राजनगर और प्रधान आरक्षक संदीप तोमर, किशोर आरक्षक धर्मराज, सायबर सेल के विजय की मुख्य भूमिका रही.
ऑपरेशन मुस्कान
लापता बच्चों को खोजने के लिए साल 2017 में ऑपरेशन मुस्कान लॉन्च किया गया था. इसे ऑपरेशन स्माइल के नाम से भी जाना जाता है. इस अभियान के तहत राज्य पुलिस के कर्मचारी लापता बच्चों की पहचान करने और उन्हें बचाने के लिए विभिन्न कार्यों में शामिल होते हैं और बच्चों को अपने परिवारों से मिलवाते हैं.
इनपुट- छतरपुर से हरीश गुप्ता की रिपोर्ट, ZEE मीडिया