Positive Story: भिक्षावृत्ति देश के लिए एक बड़ी समस्या है. हालांकि, ऐसा करने वालों के पास इसके पीछे अपने-अपने कारण होते हैं. सरकार, प्रशासन और पुलिस लगातार इसे खत्म और कम करने की काम कर रही है. उज्जैन में इसके लिए खास मुहिम चलाई जा रही है.
किसी भी अच्छे समाज के लिए भिक्षावृत्ति पाप की तरह होती है. हालांकि, कई लोग इस काम को मजबूरी में करते हैं तो कई बार ये काम के पीछे बड़े अपराध होते हैं. अब इसी से मुक्ति के लिए उज्जैन में काम हो रहा है और जल्द ही शहर भिक्षावृत्ति से मुक्त होगा.
बड़ी संख्या में भिक्षावृत्ति के लिए भिखारी बच्चों से लेकर बूजुर्ग तक देखे जाते हैं. इनके लिए अब पुनर्वास पर काम चल रहा है. सरकार, प्रशासन और पुलिस के साथ-साथ उज्जैन नगर निगम अब इस पर काम कर रहे हैं.
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर, हरसिद्धि माता मंदिर (51 शक्तिपीठों में से एक), बाबा काल भैरव, चामुंडा माता, चिंतामण गणेश मंदिर, क्षिप्रा नदी का श्री राम घाट, मंगलनाथ धाम, सिद्धवट धाम, श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम दर्शन के लिए हैं.
मुख्य रूप से शहर के सभी दार्शनिक स्थलों में भिखारी बैठते हैं. कुछ लोग शहर की अन्य सड़कों पर भी भिक्षावृत्ति करते हैं. वहीं रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के साथ-साथ अन्य ऐसे स्थान जहां भीड़ जुटती है वहां कोई न कोई भिक्षा मांगते दिख ही जाता है.
अवंतिका को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत एनजीओ, पुलिस, नगर निगम टीम कलेक्टर के निर्देशन में काम करेगा. योजना में भीख मांगने वाले बच्चो को आंगनवाड़ी के साथ ही युवाओं को स्किलडेवलोपमेन्ट से रोजगार दिलवाने की तैयारी हो रही है.
सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि पीएम मोगी हर हाथ में काम की कल्पना को लेकर काम कर रहे हैं. इसे ही उज्जैन में साकार किया जाएगा. भिक्षावृत्ति वालों का जीवन स्तर सुधारना के साथ ही देशभर के मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं के को यहां से बेहतर संदेश जाएगा.
सांसद ने कहा कि हाल ही में अब 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर लेकर आए हैं. हम लोगों से भी अपील करते है कि जनभागीदारी में शासन को भी आप सहयोग कर सकते हैं. जब किसी तीर्थ स्थल जाए और आपको लगता है किसी को किसी भिक्षावृत्ति मांगने वाले बच्चे को अपनाना चाहिए तो अपनाइए और चार धाम तीर्थ का पुण्य पाइये.
ट्रेन्डिंग फोटोज़