Ujjain Tourist Places: भारत की पवित्र सप्तपुरिओं में एक है बाबा महाकाल की नगरी अवंतिया यानी उज्जैन भी एक है. यहां हिंदू धर्म के अनेक धर्मगुरुओं, राजाओं और महंतों ने जनसहयोग से इस महातीर्थ को सुंदर और आकर्षित बनाने के लिए कई अलौकिक मंदिरों का निर्माण कराया गया है, जो हमारी आस्था और विश्वास का केंद्र है. बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में अनेकों ऐतिहासिक इमारत और मंदिर है. ऐसे में आज हम आपको उज्जैन के उस प्राचीन और चमत्कारी मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां पर ईश्वरीय शक्ति को महसूस किया जा सकता है. आइए जानते हैं इन प्रमुख मंदिरों के बारे में...
बाबा महाकाल का प्रसिद्ध मंदिर प्रतिष्ठित व पवित्र मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में विश्व के 12 प्रमुख शिवलिंगों में से एक महाकालेश्ववर शिवलिंग है. यह मंदिर आस्था व पर्यटन के लिए लोकप्रिय है. महाकाल लोक का निर्माण हो जाने से यह मंदिर और ज्यादा मनमोहक हो गया है.
उज्जैन में बाबा काल भैरव का प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर के प्रति भक्तों की विशेष आस्था है. यहां पर बाबा काल भैरव की मूर्ति द्वारा शराब पीने के चमत्कार को देखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि बिना काल भैरव के दर्शन किए महाकाल का दर्शन अधूरा रहता है.
यदि आप उज्जैन गए हैं, तो शिप्रा नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध रामघाट पर अवश्य जाएं. यहां भोर से लेकर सूर्यास्त तक कई बार आरती होती है. यहां भगवान राम के प्रतिमा के एक तरफ माता सीता और दूसरी तरफ लक्ष्मण जी की प्रतिमा स्थापित है.
उज्जैन में रुद्र सागर झील के पास प्रसिद्ध हरिसिद्धि माता का मंदिर है. यहां मंदिर के प्रांगण में दो स्तंभ हैं, जिसे हर शाम को जलाकर मंदिर को जगमगाया जाता है. इस मंदिर में हरिसिद्धि माता के साथ मां लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमा है.
बड़े गणेश जी के मंदिर में गणेश के प्रतिमा का आकार भव्य और बड़ा है. यहां सुबह शाम होने वाली आरती प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि गणेश जी का दर्शन करने से ज्ञान में बढ़ोत्तरी होती है.
उज्जैन भगावन कृष्म बलराम और सुदामा का शैक्षणिक स्थान है. यहां पर राधा-कृष्ण का प्रसिद्ध ईस्कान मंदिर बहुत आकर्षक है. यह मंदिर सफेद पत्थर से निर्मित है. इसके चारों तरफ हरी घासों का बगीचा है.
कालियादेह मंदिर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है. यह अपने आप में अद्भुत है. इस महल के एक तरफ नहीं बल्कि दोनों किनारों से नदी बहती है. यहां आप छुट्टियों पर पिकनिक मनाने आ सकते हैं.
उज्जैन के पर्यटन स्थलों में से एक है भर्तहरी केव गुफा है. यह गुफा गधकालिका मंदिर के पास शिप्रा नदी के तट पर स्थित है. यहां का माहौल पर्यटकों को शांति का अनुभव कराता है.
इंदौर-उज्जैन मार्ग पर नवग्रह का प्राचीन शनि मंदिर है. इस मंदिर का स्कंद पुराण में वर्णन है. इसे त्रिवेणी संगम तीर्थ के नाम से जानते हैं. यदि आप पर शनि का प्रभाव है तो यहां शनिदेव का अवश्य दर्शन करें.
वास्तुशिल्प के लिए शुमार पीर मत्स्येंद्रनाथ शिप्रा नदी के तट पर स्थित है. यहां सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक प्रकृत्ति के खूबसूरत नजारे देखने को मिलता है. यह प्रमुख स्थल नाथ संप्रदाय के शैव प्रमुख पीर मत्सेंद्रनाथ के नाम पर बनाई गई है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़