International Day of Girl Child: आज के समय में बेटियां हो या बेटे दोनों ही बराबर हैं. पर अभी भी इस सोच से इंकार नहीं किया जा सकता है कि ऐसे कुछ लोग हैं जिन्हें संतान के तौर पर बेटे की चाह होती हैं.
इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा से किया था. ये योजना Child-Sex Ratio में कमी को रोकना और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान करना है. इस योजना को तीन मंत्रालयों द्वारा संचालित किया जाता है- महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय.
CBSE इस स्कीम के द्वारा पूरे भारत में एस्टाब्लिशड इंजीनियरिंग और टेक्निकल संस्थानों में लड़कियों के एडमिशन में बढ़ोतरी करने का है. साथ ही उनको पढ़ने के लिए टैबलेट भी दी जाती हैं ताकि वो अपने स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ अपने Engineering Entrances की भी तैयारी कर सकें.
यह योजना मार्च 2008 में केंद्र सरकार ने एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की थी. इस योजना से कम आय वाले परिवारों, जिनमें लड़कियां हों उन्हें कुछ राशियां प्रदान की जाती है.
यह योजना बेटियों के माता-पिता के लिए बनाई गई है ताकि माता-पिता बच्चे की स्कूली शिक्षा और शादी के खर्च को आराम से उठा पाएं. बेटी के दस साल का पूरे होने से पहले ही इस योजना में निवेश कर सकते है. निवेश करने के लिए मिनिमम राशि 250 रुपए और मैक्सिमम 1,50,000 रुपए है, जो की बेटी के 18 वर्ष होने के बाद ही मिलेंगे.
यह योजना सुकन्या समृद्धि योजना जैसी हैं, जिसमें लड़की के माता- पिता के लिए सिमित बचत करने के अवसर हैं.
यह योजना राजस्थान में शुरू की गई है. इसका लाभ लड़कियों के माता-पिता को मिलता है जिसमें जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक माता-पिता को सरकारी सहायता प्रदान की जाती है.
इस योजना का उद्देश्य लड़कियों की शादी को 21 साल के बाद करने को बढ़ावा देना है. इसके तहत सरकार 21 साल की उम्र होने के बाद 1 लाख रुपये की राशि बेटियों के बैंक खाते में स्थानांतरित करती हैं.
ये योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित हैं. इसके तहत गरीब परिवार की लड़कियां जिनकी उम्र 18 साल होगी उन्हें 12वीं पास करने पर 1,00000 रुपये की सहायता दी जाएगी.
यह एक पैन- इंडिया योजना है जो भारत के वंचित वर्गों पर केंद्रित है. इसका संचालन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत शिक्षा विभाग करता है.
यह योजना झारखण्ड राज्य की है. इस योजना के तहत बेटी के नाम डाकघर Saving Account में पांच साल की निश्चित अवधि के लिए 6000 रुपए की राशि जमा की जाती है.
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