कांग्रेस बोली-1996 में हो गया था यह काम, 'शिवराज सरकार नई बोतल में पुरानी शराब भरने का काम कर रही'
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कांग्रेस बोली-1996 में हो गया था यह काम, 'शिवराज सरकार नई बोतल में पुरानी शराब भरने का काम कर रही'

PESA Act Madhya Pradesh: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि शिवराज सरकार नई बोतल में पुरानी शराब भरने का काम कर रही है.

कांग्रेस बोली-1996 में हो गया था यह काम, 'शिवराज सरकार नई बोतल में पुरानी शराब भरने का काम कर रही'

PESA Act Madhya Pradesh: प्रिया पांडेय/भोपाल। मध्य प्रदेश में पेसा एक्ट को लेकर भी श्रेय की राजनीति शुरू हो गई है, बीजेपी आज धार जिले में पेसा एक्ट को लेकर बड़ा आयोजन करने जा रही है, वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने इस मामले में बड़ा बयान देते हुए शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. बता दें कि हाल ही में शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में पेसा एक्ट लागू किया है. 

नई बोतल में पुरानी शराब भरने का किया जा रहा काम
पेसा एक्ट को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है, उनका कहना है कि ''पेसा नेता प्रतिपक्ष ने एक्ट 1996 में दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री रहते ही आया था अब शिवराज सरकार ने पेसा एक्ट को हूबहू कॉपी कर लिया है. इसी एक्ट को एक्ट को दुबारा लागू कर के शिवराज सरकार नई बोतल में पुरानी शराब भरने का काम कर रही है.''

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पेसा एक्ट केवल चुनावी षड्यंत्र है. उनका कहना है कि ''आदिवासियों को गुमराह करने में बीजेपी जुटी हुई है. डूबती नाव को बचाने के लिए यह सरकार पूरी ताकत लगा रही है. पेसा एक्ट नहीं पैसा एक्ट है, जिसका मतलब पैसा लाओ आर्डर ले जाओ.'' नेता प्रतिपक्ष ने मांग करते हुए कहा कि अगर बीजेपी सरकार की आदिवासियों की इतनी हितैषी तो आदिवासी चेहरे को प्रधानमंत्री पद पर बैठाया जाए.''

दिग्विजय सिंह ने भी साधा निशाना 
नेता प्रतिपक्ष के अलावा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी शिवराज सरकार पर निशाना साधा. दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''यह एक्ट आज का नहीं है पेसा एक्ट को पास हुए लगभग 25 साल हो गए, अभी तक क्या कर रही थी सरकार, मैंने पेसा एक्ट लागू कर दिया था. ग्राम सभा का अधिकार दे दिया था. नियम बना दिए थे, उसे भाजपा की सरकार लागू क्यों नहीं कर रही थी, ये नाटक नौटंकी है और खास बात यह है कि पेसा के नियम में ये था कि आदिवासी क्षेत्र में जब तक ग्रामसभा की सहमति नहीं होगी, तब तक कोई काम नहीं होगा. उस सहमति को हटाकर सलाह कर दिया गया हम इसका विरोध करते हैं.'' 

कुक्षी में बड़ा आयोजन 
कांग्रेस का कहना है कि यह एक्ट हमारी सरकार में लागू हुआ था, जबकि बीजेपी का कहना है कि पेसा शिवराज सरकार ने लागू किया है. आज कुक्षी में बड़ा जनजातीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें शिवराज सरकार आदिवासियों को पेसा एक्ट के बारे में जानकारी देंगे. इस आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे. 

क्या है पैसा एक्ट?
बता दें कि पेसा एक्ट 24 अप्रैल 1996 को बनाया गया था और कई राज्यों में यह पहले से लागू है. पेसा कानून को लाने का उद्देश्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्व-शासन को मजबूती देना है. देश के 10 राज्यों में यह कानून लागू है. अब मध्य प्रदेश सरकार ने इस कानून को राज्य में पूरी तरह से लागू करने का ऐलान कर आदिवासियों को बड़ी सौगात दी है. पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं को आदिवासी समाज की परंपराओं, रीति रिवाज, सांस्कृतिक पहचान, समुदाय के संसाधन और विवाद समाधान के लिए परंपरागत तरीकों के इस्तेमाल के लिए सक्षम बनाया गया है. दरअसल, पेसा एक्ट के तहत स्थानीय संसाधनों पर स्थानीय अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की समिति को अधिकार दिए जाएंगे. जिससे अनुसूचित जाति और जनजाति वाली ग्राम पंचायतों को सामुदायिक संसाधन जैसे जमीन, खनिज संपदा, लघु वनोपज की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार मिल जाएगा. पेसा एक्ट लागू होने के बाद सामुदायिक वन प्रबंधन समितियां वर्किंग प्लान के अनुसार, हर साल माइक्रो प्लान बनाएंगे और उसे ग्राम सभा से अनुमोदित कराएंगे. गौरतलब है कि सामुदायिक वन प्रबंधन समिति का गठन भी ग्राम सभा द्वारा किया जाएगा. 

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