Vivah Panchami 2023: शाही अंदाज में निकली रामराजा सरकार की बारात, 500 साल से चली आ रही अद्भुत परंपरा!
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Vivah Panchami 2023: शाही अंदाज में निकली रामराजा सरकार की बारात, 500 साल से चली आ रही अद्भुत परंपरा!

Vivah Panchami 2023: बुन्देलखण्ड की अयोध्या कहे जाने वाले ओरछा में विवाह पंचमी को भगवान राम और सीता के विवाह की वार्षिक परंपरा के साथ मनाया गया, जिसमें स्थानीय लोगों और भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.

Vivah Panchami 2023

Vivah Panchami 2023:  बुन्देलखण्ड की अयोध्या कहे जाने वाली निवाड़ी जिले की धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ओरछा में आज रात्रि विवाह पंचमी के अवसर पर पिछले करीब 500 वर्षों से चली आ रही भगवान श्री राम के सीता से विवाह की अद्भुत परंपरा का निर्वहन विधि-विधान से किया गया. प्रति वर्ष की भांति आज भी विवाह पंचमी पर यहां के प्रसिद्ध रामराजा मंदिर से बाकायदा भगवान राम की बारात जनकपुरी के लिये गाजे बाजे के साथ निकाली गई. जिसमें, भगवान रामराजा सरकार अपने अनुजों के साथ सुशोभित रहे और सारे ओरछा नगर के अलावा बाहर से आए देशी-विदेशी श्रद्धालुओं सहित सैलानी पूरे उत्साह से बाराती के रूप में शामिल होकर जनकपुरी की ओर रवाना हुए. जहां बारात के जनकपुरी पहुंचने पर श्रीराम सीता का पाणिग्रहण संस्कार विधि विधान से संपन्न हुआ. वैवाहिक कार्यक्रम पूर्ण होने के बाद बारात वापस रामराजा के महल रूपी मंदिर के लिये वापिसी हुई. विगत 500 वर्षों से हर साल ओरछा वासी भगवान श्रीराम को मानव स्वरूप में मानकर पूरी धूमधाम से उनका विवाहोत्सव इसी प्रकार मनाते आ रहे हैं.

निवाड़ी जिले के ओरछा का रामराजा मंदिर अत्यंत प्राचीन है और यहां स्थापित मूर्ति के बारे में प्रचलित मान्यता के अनुसार ओरछा की महारानी गनेश कुंवर पुष्य नक्षत्र में इस मूर्ति को अयोध्या से नंगे पैर पैदल चलकर ओरछा लाई थीं. श्रीराम की प्रतिमा ओरछा लाये जाने के बाद बुन्देलखण्ड में इन्हें ओरछा के राजा के रूप में मान्यता दी गई और संभवता ओरछा के रामराजा इस मायने में भी अद्वितीय है कि इन्हे प्रतिदिन पुलिस के जवानों द्वारा बाकायदा आज भी दिन के चारों पहर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है.

राम विवाहोत्सव का कार्यक्रम किया गया आयोजित
बुन्देलखण्ड की अयोध्या कहलाने वाली ओरछा नगरी में विवाह पंचमी के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी धूमधाम से राम विवाहोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें पूरे राजसी ठाठ-बाट के साथ भगवान श्रीराम की बारात नगर में निकाली गई. इससे पहले जब भगवान मंदिर से दूल्हे के रूप में पालकी में बिराजे, बाहर आते हैं. तब सशस्त्र पुलिस जवानों द्वारा उन्हें सलामी दी जाती है. बारात के सबसे आगे रघुकुल का प्रतीक चिन्ह उसके बाद मशालची, चांदी की छड़ी लिये दरबान, भगवान को चांवर हिलाते हुए सेवक चलते हैं. बारात का नगर वासियों द्वारा हर घर पर रोककर उनकी आरती उतारने के साथ ही बारातियों का स्वागत किया जाता है. पिछले करीब 500 सालों से निरंतर भगवान रामराजा की नगरी ओरछा में 3 दिवसीय विवाहोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इसके लिए प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां की जाती है. श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिये प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई है.

रिपोर्ट:सत्येंद्र परमार(निवाड़ी)

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