भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा है. इसके साथ ही उन्होंने दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी पर हमला किया है.
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इंदौर: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा है. विजयवर्गीय ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि हमारा विपक्ष दुश्मन देश की भाषा बोलता है. उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन अलग अलग विचारधारा का गठबंधन है और इसमें सभी नेता है. इसलिए यह गठबंधन कभी सफल नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को देश को बताना चाहिए कि उन्होंने अभी तक चीन से कितनी आर्थिक सहायता प्राप्त की है?
दरअसल इंदौर के परदेसीपुरा स्थित बाल अनाथाश्रम व वृद्धाश्रम में हुए रक्षाबंधन कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा में कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस, उनके नेता राहुल गांधी, विपक्षी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा राहुल गांधी लगातार चीन की पैरवी करते हैं. उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने अभी तक चीन से कितनी आर्थिक सहायता प्राप्त की है? उसका जवाब दें. दुर्भाग्य है कि हमारे देश का विपक्ष दुश्मन देश की भाषा बोलता है.
ये गठबंधन सफल नहीं होगा
मुंबई में विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक को लेकर विजयवर्गीय ने कहा कि इंडिया का गठबंधन अलग-अलग विचारधारा का बना गठबंधन है. वहां तो सभी नेता हैं. इसलिए सफल नहीं होगा. इस गठबंधन ने क्या कभी बंगाल में हुई बलात्कार, हत्या की घटनाओं पर आवाज उठाई है?
राहुल गांधी को बताया जोक
राहुल गांधी को पीएम बनाने कांग्रेस के दावे पर विजयवर्गीय ने फिर चुटकी ली और कहा कि रक्षाबंधन के दिन इससे सबसे बड़ा कोई जोक नहीं है. वहीं उन्होंने दिग्विजय सिंह द्वारा दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर परिसर में बजरंग दल द्वारा शिवजी की पिंडी रखने के कथित ट्वीट पर विजयवर्गीय ने कहा कि उनके जैसे वरिष्ठ नेता को इस तरह का आधारहीन ट्वीट करना शोभा नहीं देता.
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बाहरी नेताओं पर कही ये बात
कांग्रेस द्वारा भाजपा में अन्य प्रदेशों के विधायकों को राजनीतिक स्थिति परखने की जिम्मेदारी देने पर सवाल उठाने पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बाहरी नेता जैसा कोई मामला नहीं है. सभी भाजपा के कार्यकर्ता हैं और अक्सर चुनावी कार्य में सहायता के लिए इस तरह की जिम्मेदारी दी जाती है. उन्हें भी बंगाल, हरियाणा, तेलंगाना में काम करने भेजा गया था.
रिपोर्ट- शिव मोहन शर्मा