Gandhi Medical College: मध्यप्रदेश में 4 दिन से चल रही गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के आश्वासन के बाद खत्म की गई हड़ताल. जूनियर डॉक्टर की मांगों पर कार्रवाई करने का दिया गया आश्वासन.आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टरों ने खत्म की अनिश्चितकालीन हड़ताल.
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MP GMC Junior Doctors Strike Ended: मध्य प्रदेश (MP News) के गांधी मेडिकल कॉलेज (Gandhi Medical College) में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल चार दिनों के बाद समाप्त हो गई है. हड़ताली डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई. बता दें कि गांधी मेडिकल कॉलेज में हड़ताल का पूरे राज्य में व्यापक असर रहा और अन्य मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर इसमें शामिल थे. भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर, सागर और रीवा में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं क्योंकि इन संस्थानों के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गए.
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स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ गईं
हड़ताल के दौरान, मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ गईं थीं. जिससे अस्पतालों और रोगी देखभाल पर भारी दबाव पड़ा. वहीं, हड़ताल के चलते रीवा में श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन ने डॉक्टरों की छुट्टी पर प्रतिबंध लगाकर कड़े कदम उठाए.
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सियासत भी हुई गर्म
वहीं इस मुद्दे को लेकर सियासत भी गर्म हुई. विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने स्थिति से निपटने के सरकार के तरीके पर निशाना साधा था और जूनियर डॉक्टरों की मांगों को तत्काल स्वीकार करने की मांग की थी. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने हमीदिया अस्पताल में हड़ताली डॉक्टरों से मुलाकात नहीं करने के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की आलोचना की थी. कुणाल चौधरी ने कहा था कि जिस राज्य में डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं, वहां मरीजों की क्या हालत होगी. एमपी की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटीलेटर पर है. जूनियर डॉक्टरों की मांगें सरकार को अविलंब माननी चाहिए. मेडिकल कॉलेज में एक गर्भवती डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली और अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इस मामले पर अभी तक चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कोई बयान नहीं आया है.