MP Elections: विंध्य में सियासी हलचल तेज हैं, बताया जा रहा है कि अपने बयानों से प्रदेश की सियासत में चर्चा में रहने वाले एक दिग्गज नेता जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.
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MP Elections: मध्य प्रदेश में चुनाव का ऐलान होने के बाद से राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है, सियासी हलकों में इस बात की चर्चा तेज हैं कि आने वाले दिनों में प्रदेश की सियासत में दलबदल खूब देखने को मिल सकता है जिसमें बीजेपी के एक बागी विधायक का नाम भी शामिल हैं, बताया जा रहा है कि विंध्य अंचल से आने वाले यह विधायक जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं क्योंकि बीजेपी ने इनकी जगह दूसरे प्रत्याशी को मौका दिया है. विधायक ने बीजेपी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है.
नारायण त्रिपाठी की कांग्रेस में हो सकती है वापसी
दरअसल, लंबे समय से अलग विंध्य प्रदेश की मांग कर रहे बीजेपी के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर से कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं, क्योंकि बीजेपी ने उनका टिकट काटकर श्रीकांत चतुर्वेदी को मैहर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में अगर नारायण वापस कांग्रेस में लौटते हैं तो यह उनकी घर वापसी होगी. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हैं कि नारायण त्रिपाठी कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें मैहर विधानसभा सीट से प्रत्याशी भी बना सकती है.
अपनी पार्टी भी बनाई थी
चुनावी साल की शुरुआत होते ही बीजेपी से नारायण त्रिपाठी के तेवर बागी होने शुरू हो गए थे. उन्होंने अलग विंध्य प्रदेश की मांग करते हुए विंध्य जनता पार्टी के नाम से पार्टी भी बना ली थी. नारायण ने चुनाव में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को उतारने का ऐलान भी किया था. लेकिन चुनाव के आखिरी वक्त में अब उनकी रणनीति में बदलाव दिख रहा है. माना जा रहा है कि वह कांग्रेस में घर वापसी करके फिर से कांग्रेस की तरफ से ही विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
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दिलचस्प रहा है नारायण त्रिपाठी का राजनीतिक सफर
नारायण त्रिपाठी का अब तक राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प रहा है. वह तीन अलग-अलग पार्टियों से विधायक बन चुके हैं. 2003 के विधानसभा चुनाव में वह समाजवादी पार्टी की तरफ से विधायक चुने गए थे. 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए और 2013 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते, फिर कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए और उपचुनाव जीतकर बीजेपी से विधायक बने, 2018 का विधानसभा चुनाव भी उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीता था. ऐसे में उनके पास मध्य प्रदेश में तीन अलग-अलग पार्टियों से विधायक बनने का रिकॉर्ड हैं.
मैहर जिला घोषित
नारायण त्रिपाठी की एक और मांग मैहर को जिला बनाने की थी, जो बड़ा राजनीतिक मुद्दा था. कमलनाथ सरकार ने भी मैहर को जिला बनाने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार गिर गई. बाद में चुनावी साल में शिवराज सरकार ने मैहर को अलग जिला बना दिया है. ऐसे में इस बार मैहर सीट पर चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है.
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