MP Election 2023: MP की राजनीति में रामचरित मानस की एंट्री, कमलनाथ ने चौपाई लिखकर साधा CM शिवराज पर निशाना
मध्यप्रदेश की राजनीति (MP Politics) में अब रामचरित मानस (Ramcharit manas) की भी एंट्री हो चुकी है.
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आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्यप्रदेश की राजनीति (MP Politics) में अब रामचरित मानस (Ramcharit manas) की भी एंट्री हो चुकी है. कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) पर रामचरित मानस की एक चौपाई का उदाहरण देते हुए शिवराज सिंह चौहान को झूठा बताया है.
गौरतलब है कि कमलनाथ और सीएम शिवराज इन दिनों ट्वीटर पर एक दूसरे के खिलाफ काफी अक्रमक नजर आ रहे हैं. दोनों एक दूसरे की सरकार और योजनाओं पर सवाल कर रहे हैं.
मध्यप्रदेश में किसान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में जवान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में नौजवान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में माताएं-बहनें दुखी हैं, मध्यप्रदेश में दलित और आदिवासी दुखी हैं।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 11, 2023
कमलनाथ ने किया ट्वीट
कमलनाथ ने रामचरित मानस की एक चौपाई के जरिए सीएम शिवराज सिंह को घेरा है. कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा श्रीरामचरितमानस में भगवान श्रीलक्ष्मण को समझाते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने कहा- ''जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी, सो नृप अवसि नरक अधिकारी'... (इस चौपाई का अर्थ है कि जिस राज्य की जनता कष्ट में होती है वहां का राजा जो अपने कर्तव्य का पालन नहीं करता वह नर्क गामी होता है)
कमलनाथ ने आगे लिखा
शिवराज जी, समझदार को इशारा काफी होता है. मध्यप्रदेश में किसान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में जवान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में नौजवान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में माताएं-बहनें दुखी हैं, मध्यप्रदेश में दलित और आदिवासी दुखी हैं. उनके दुख का कारण आपका झूठ है. आपने उनसे झूठा वादा किया था: हम 50 लाख युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करेंगे. कहां है वह तैयारी और कहां है वह रोजगार. जवाब दीजिए शिवराज जी.
कल भी चली थी ट्विटर पर वॉर
बता दें कि कल भी कमलनाथ ने तुलसीदास की चौपाइ लिखते हुए शिवराज पर निशाना साधा था. कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा झूठइ लेना, झूठइ देना। झूठइ भोजन, झूठ चबेना।
बोलहिं मधुर बचन जिमि मोरा। खाइ महा अहि हृदय कठोरा।। शिवराज जी, आप जैसी झूठ की मशीनों के लिए सदियों पहले रामचरितमानस में यह चौपाई लिखी गई थी। इसलिए भगवान से डरिए और झूठी घोषणाएं बंद कर दीजिए। जनता को पुरानी झूठी घोषणाओं का हिसाब दीजिए.
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