अक्सर देखने में आता है कि कानून ने बहू को इतने अधिकार दे दिए हैं कि सास के खिलाफ प्रताड़ना बढ़ती जा रही है. अभी हाल ही में महाराष्ट्र में एक खबर सामने आई थी जिसमें टीवी को आवाज को लेकर विवाद हो गया तो बहू ने सास की अंगुली ही काट ली. ऐसे में हम जानते हैं कि बहू की प्रताड़ना से बचने के लिए कानूनन सास के पास क्या अधिकार हैं.
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र में अभी हाल ही में सनसनीखेज मामला आया था जहां सास ने बहू को टीवी की आवाज धीमी करने को कहा तो विवाद हो गया. इस विवाद में बहू ने सास की अंगुलियां की काट लीं. सास ने बहू के खिलाफ थाने में केस दर्ज करा दिया. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर सास, बहू की प्रताड़ना से किस तरह अपने को सुरक्षित रख सकती है और उसके क्या अधिकार हैं.
सास अपनी बहू के खिलाफ इन सेक्शन का कर सकती हैं इस्तेमाल
अक्सर बहुत से मामलों में देखा जाता है कि सास के साथ आए दिन बहू मारपीट करती है. बहू कहीं घरेलू हिंंसा या दहेज एक्ट का इस्तेमाल कर उन्हें न फंसा दे, इस डर से सास खामोश रहती हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि सास किस कानून के किस सेक्शन का इस्तेमाल कर शिकायत कर सकती हैं.
बहू की प्रताड़ना के खिलाफ ये धाराएं हैं काम की
इस मामले में सास को भी कानूनन काफी अधिकार हैं. यदि बहू, सास के साथ रेगुलर मारपीट करती है तो बहू के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 323, 324, 325 या 326 के साथ थाने में कम्प्लेंट कर सकती है. यदि बहू ने मारपीट नहीं की और सिर्फ गाली-गलौच की तब भी आईपीसी के सेक्शन 509 के तहत बहू के खिलाफ शिकायत हो सकती है.
क्या है इन धाराओं का मतलब
323- एक साल तक की जेल या 1 हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
324- कुछ समय के लिए भी जेल हो सकती है. मामला गंभीर हो तो 3 साल की जेल भी हो सकती है. जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
325- इस धारा का मतलब है स्वेच्छा से किसी को चोट पहुंचाना. इसमें 7 साल की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है.
326- इसमें आरोपी को आजीवन कारावास या दस वर्ष कारावास और आर्थिक दंड मिल सकता है.
509- कोई भी शब्द बोलना या किसी स्त्री के शील का अपमान करने का इरादा, कोई इशारा करना इस सेक्शन के अंतर्गत आता है. इसमें 3 साल का साधारण कारावास और जुर्माना दोनों हो सकता है.
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