किसी राजनेता ने नहीं, बल्कि इस बाबा ने आशीर्वाद में दिया था कांग्रेस को हाथ का पंजा
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किसी राजनेता ने नहीं, बल्कि इस बाबा ने आशीर्वाद में दिया था कांग्रेस को हाथ का पंजा

Devraha Baba: आज हम आपको भारत के ऐसे संत के बारे में बता रहे हैं, जिनके पास बड़ी से बड़ी राजनीतिक हस्तियां अपनी समस्या के समाधान के लिए जाती थी. इतना ही नहीं इस बाबा ने ही कांग्रेस को हाथ का चुनाव चिन्ह इंदिरा गांधी को आशीर्वाद में दिया था.

किसी राजनेता ने नहीं, बल्कि इस बाबा ने आशीर्वाद में दिया था कांग्रेस को हाथ का पंजा

Miraculous Saint Of India: इन दिनों बागेश्वर धाम (bageshwar dham) के कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (pandit dhirendra krishna shastri) अपने चमत्कार (miracle) को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं. हर तरफ उनकी ही चर्चा चल रही है. हालांकि ये भारत (india) में ये कोई पहले बाबा नहीं हैं, जिनके अंदर चमत्कारी शक्तियां और सिद्धियां है. इससे पहले भी कई ऐसे संत पाएं गए हैं. उन्हीं में एक हैं देवरहा बाबा,(devraha baba) इनके पास कई तरह की सिद्धियां और चमत्कारी शक्तियां थी. इनके पास आशीर्वाद लेने भारत के बड़े-बड़े दिग्गज नेता समेत जार्ज पंचम (jaarj pancham
) भी आए थे. इतना ही नहीं 1977 कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद देवरहा बाबा ने ही इंदिरा गांधी को आशीर्वाद में (Blessings to Indira Gandhi) हाथ का पंजा दिया था. तभी से कांग्रेस का चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा हो गया. आइए जानते हैं कौन थे देवरहा बाबा(Who was Devraha Baba)?

 

जानिए कौन थे देवरहा बाबा
देवरहा बाबा उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के लार रोड के नदौली ग्राम के एक योगी, सिद्ध महापुरुष एवं संत पुरुष थे. देवरहा बाबा के जन्म के बारे में संशय है. ऐसा कहा जाता है कि वह करीब 900 साल तक जीवित रहे थे. हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं है. देवरहा बाबा के भक्तों में महान हस्तियों का नाम शुमार है. इनके पास  डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद, महामना मदन मोहन मालवीय, पुरुषोत्तमदास टंडन, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव और कमलापति त्रिपाठी जैसे राजनेता अपनी समस्या के समाधान के लिए बाबा की शरण में आते थे और उनका आशीर्वाद लेते थे. 

जानिए कैसे मिला कांग्रेस को हाथ पंजा
आपातकाल के बाद 1977 में लोकसभा के आम चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस को करारी हार मिली थी. उसमें इंदिरा गांधी समेत कई दिग्गजों को करारी हार मिली थी. इसके बाद  इंदिरा गांधी को जेल तक जाने की नौबत आ गई. इसके बाद कांग्रेस में मंथन का दौर शुरु हुआ. इंदिरा गांधी को किसी ने बाबा के दर्शन करने की सलाह दी थी. जिसके बाद इंदिरा गांधी संत देवरहा बाबा के दर्शन के लिए देवरिया जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर सरयू नदी के तट पर बाबा देवरहा के दर्शन के लिए पहुंची. जिसके बाद देवरहा बाबा ने इंदिरा गांधी को हाथ उठाते हुए आशीर्वाद दिया और बाबा ने कहा कि इसी हाथ से तुम्हारा भला होगा. ऐसा बताया जाता है कि इंदिरा गांधी को जब बाबा ने आशीर्वाद दिया तो आशीर्वाद को उन्होंने मन से लगा लिया. जिसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग से चुनाव चिन्ह गाय-बछड़ा के स्थान पर हाथ का पंजा करने की मांग की. जिसके बाद उन्हें हाथ का पंजा चुनाव चिन्ह मिला. जो आज तक चल रहा है. 

बाबा के पास थी दैवीय शक्तियां चमत्कार
जानकारों के अनुसार देवरहा बाबा अपनी सिद्धी के बल पर जहां जाना चाहते थे, वहां मन की गति से चले जाते थे. वे पेड़- पौधे व पशु, पक्षी की भाषा आसानी से समझ जाते थे. एक बार की बात है. जब राजीव गांधी बाबा देवरहा से मिलने आ रहे थे. तब अफसरों ने हैलीपैड बनाने के लिए वहां लगे बबूल के पेड़ को कटवाना चाहे, तभी बाबा वहां पहुंच गये और उन्होंने अफसरों से कहा इस पेड़ को मत काटो. अफसरों ने जब अपनी मजबूरी बताई तो उन्होंने कहा शाम तक प्रधानमंत्री का कार्यक्रम टल जाएगा. दो घंटे के बाद ही प्रधानमंत्री का कार्यक्रम रद्द हो गया. बताया जाता है कि देवरहा बाबा ने अपने जीवन में अन्न ग्रहण नहीं किया था. वे सिर्फ दूध व शहद का सेवन करते थे. बाबा अपना जीवन आश्रम के अलावा काशी, मथुरा, प्रयाग तथा हिमालय की वादियों में बिताया करते थे. ऐसा बताया जाता है कि देवरहा बाबा पानी पर बड़े ही आसानी के साथ चलते थे.

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