भाई बनकर प्रेमिका के ससुराल में रुका था नाबालिग, पता चलने पर बनाया बंधक
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भाई बनकर प्रेमिका के ससुराल में रुका था नाबालिग, पता चलने पर बनाया बंधक

भिंड के गोरमी थाना क्षेत्र के चार लोगों को मुरैना के जौरा में बंधक बनाकर फिरौती मांगने का मामला सामने आया है.

भाई बनकर प्रेमिका के ससुराल में रुका था नाबालिग, पता चलने पर बनाया बंधक

प्रदीप शर्मा/भिंड: भिंड के गोरमी थाना क्षेत्र के चार लोगों को मुरैना के जौरा में बंधक बनाकर फिरौती मांगने का मामला सामने आया है. करीब चौबीस घंटे की मशक्कत और तीन थाना क्षेत्रों की पुलिस के संयुक्त प्रयासों से न सिर्फ चारों को रेस्क्यू कर लिया गया बल्कि आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ FIR भी दर्ज कर ली गयी है.

जानकारी के मुताबिक मंगलवार को गोरमी थाना प्रभारी को नुन्हड़ गांव के रहने वाले 16 वर्षीय नाबालिग और उसके तीन दोस्तों के बंधक बनाए जाने और छोड़ने के बदले दो लाख रुपये की मांग किये जाने और न मिलने पर दो घंटे बाद चारों को मौत के घाट उतारने की धमकी मिलने की सूचना मिली थी. जिस पर मामले की गंभीरता को समझते हुए बंधक बने नाबालिग के पिता की शिकायत पर गोरमी थाना पुलिस ने जांच शुरू की.

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गोरमी थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग के पिता अनिल कुशवाह ने बताया था कि उन्हें गुजरात मे रहने वाले उनके साडू के बेटे ने इस मामले की जानकारी दी है. खुद के नाबालिग बेटे से भी संपर्क नहीं हो रहा है. जिसके बाद थाना प्रभारी तोमर ने गुजरात गांधी नगर में रहने वाले नाबालिग के मौसेरे भाई से बात की तो उसने एक नम्बर देते हुए बताया कि उसके पास फोन आया था कि पैसों का इंतज़ाम होने पर इस नम्बर पर सम्पर्क करना है. टीआई के कहने पर बंधक बनाए नाबालिग के पिता ने अपहरणकर्ताओं को बताए गए नम्बर पर फ़ोन किया और स्पीकर ऑन कर दिया. उनसे बात करने पर आरोपियों ने नाबालिग और उसके चार दोस्तों को रिहा करने के बदले दो लाख रुपये की डिमांड की औऱ दो घंटे में ऐसा न होने पर जान से मारने की धमकी दी. साथ ही पुलिस को कुछ न बताने के लिए भी कहा,जब उनसे बंधक बनाए जाने की वजह पूछी तो महज इतना कह कि इन लोगों ने रेप किया और कॉल डिसकनेक्ट कर दिया गया.

फ़ोन कॉल पर बात सुन कर पुलिस को भी मामले की गंभीरता समझ आ गयी फिर चारों बंधकों की जान के खतरे को देखते हुए पुलिस ने पतारसी की तो जानकारी मिली कि आखिरी बार चारों को मेहंगाव के हरीक्षा गढ़ी में देखा गया था. साथ ही पता चला कि इन चारों के साथ ही, नाबालिग का जीजा प्रेम सिंह भी बंधक बनाया गया था. जिसे रुपये लाने के लिए धमकी देकर छोड़ दिया था. वहीं इस बीच मुरैना के सिहोनिया थाना पुलिस से भी संपर्क हुआ. जिनसे पता चला कि बंधकों में अशोक और अनिल जाटव सिहोनिया के है, और उनके परिजन ने पुलिस से संपर्क किया है. इसके बाद गोरमी और सिहोनिया पुलिस ने संयुक्त जांच शुरू की जिसमें जानकारी लगी कि चारों बंधकों को मुरैना के जौरा इलाके में रखा गया है. पुलिस ने जौरा थाना पुलिस से संपर्क कर पूरा मामला बताया और तीन थानों की पुलिस ने संयुक्त दबिश देकर चारों पीड़ितों को रेस्क्यू कर लिया. मामले में पुलिस ने चार आरोपी बृजेश कुशवाह, राजेश कुशवाह, प्रीतम कुशवाह और दोस्त भरत रजक जिसके मकान में बंधकों को रखा गया के खिलाफ अलग अलग धाराओं में मामला दर्ज कर लिया.

जब पुलिस ने तफ्तीश की तो एक और कहानी सामने आई. गोरमी थाना प्रभारी के मुताबिक, नुन्हड़ के रहने वाले नाबालिक का हरीक्षा गढ़ी की एक महिला से संपर्क हो गया था. नाबालिग पिछले दो दिन 21 और 22 अक्टूबर को हरीक्षागढ़ी में ही महिला के घर में उसका रिश्तेदार बनकर रुका हुआ था. महिला का पति बाहर रहता है. ऐसे में परिजन को शक हुआ तो उन्होंने नाबालिग से पूछताछ की तो पकड़ा गया. इसके बाद घरवालों ने महिला के पति को जानकारी दी साथ ही महिला के मायके पक्ष को भी चरित्र शंका के चलते सूचित किया. वहीं नाबालिग से पूछताछ में उसके अन्य साथियों के भी गांव में होने की सूचना मिली तो उनको भी बुलाया.

महिला के मायके पक्ष ने बताया था कि बंधक की जानकारी मिलने पर महिला के मायके से आये परिजन चारों को अपने साथ बात करने के नाम पर जौरा ले गए और वहां बंधक बनाकर मारपीट की. इसके बाद उनके साथ गया पांचवा शख्स नाबालिग का जीजा भी था. जिसे धमका कर छोड़ दिया. साथ ही चारों की रिहाई के बदले पांच लाख रुपये लाने और पुलिस को न बताने की धमकी दी. बात नहीं मानने पर चारों को जान से मारने की धमकी दी थी. चूंकि जीजा रुपये कहां से लाता इसलिए उसने गुजरात में रहने वाले नाबालिग के मौसेरे भाई को बंधक बनाए जाने और रुपये के मांग की बात बता दी थी.

सही समय पर मामले की जानकारी मिल जाने से पुलिस ने चारों बंधकों को समय रहते छुड़ा लिया नहीं तो किसी अनहोनी के होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता था. हालांकि महिला के परिजन कि शिकायत पर पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया है.

गोरमी थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद मैने खुद अपहरणकर्ताओं की धमकी और पैसों की डिमांड फ़ोन पर सुनी थी, इसलिए चार युवकों की जान खतरे में देखते हुए कार्रवाई की. ये केस काफी उलझा हुआ था. इसे सुलझाने में ही चौबीस घंटे का समय लग गया. तीनों थाना पुलिस के संयुक्त प्रयास से हमने यह केस सॉल्व कर लिया. मामले में चार लोगों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. साथ ही दूसरे पक्ष की शिकायत पर नाबालिग के खिलाफ अलग से दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है.

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