शिवराज सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह सरकार और संगठन के संकट मोचक कहे जाते हैं. जनता के बीच लोकप्रिय भूपेंद्र सिंह की छवि एक विकास करने वाले नेता की है. उन्होंने न केवल अपने विधानसभा क्षेत्र खुरई बल्कि पूरे बुंदेलखंड को विकास के नए आयाम दिए हैं.
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भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमेशा जनता के बीच रहते हैं और हर मोर्चे पर एक्टिव रहते हैं. वहीं सीएम शिवराज की कैबिनेट में उनके मंत्री भी हर मोर्चे पर एक्टिव नजर आते हैं. जिनमें मंत्री भूपेंद्र सिंह की गिनती सबसे ऊपर होती है. जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सबसे करीबियों में गिने जाते हैं. भूपेंद्र सिंह सरकार से लेकर संगठन तक हर मोर्चे पर एक्टिव रहते हैं, जबकि जनता के बीच भी वह बेहद लोकप्रिय है. भूपेंद्र सिंह बीजेपी के उन नेताओं में शामिल है. जिनकी कुशलता और संगठन क्षमता का लोहा उनके विरोधी भी मानते हैं.
छात्र जीवन से राजनीति में एक्टिव हैं भूपेंद्र सिंह
शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल से आते हैं, 20 मई 1960 को उनका जन्म सागर जिले के बामोरा गांव में हुआ था. भूपेंद्र सिंह का रुझान बचपन से ही समाजसेवा की तरफ था, ऐसे में उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था. सागर में स्थित डॉ. सर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में वह छात्रों के हित की आवाज उठाने में सबसे आगे नजर आते थे. यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक सफर का आगाज किया था.
बुंदेलखंड में भैया के नाम से प्रसिद्ध हैं भूपेंद्र सिंह
मंत्री भूपेंद्र सिंह 2018 के विधानसभा चुनाव में सागर जिले की खुरई विधानसभा सीट से विधायक हैं और शिवराज सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं. पूरे बुंदेलखंड में उन्हें भैया के नाम से जाना जाता है. भूपेंद्र सिंह ने पिछड़े माने जाने वाले खुरई विधानसभा क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया है. जिसके चलते खुरई विधानसभा क्षेत्र की गिनती आज प्रदेश की अग्रणी विधानसभाओं में होती है. जहां आज हर प्रकार की सुविधा है. भूपेंद्र सिंह पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में विकास कार्यों को लगातार नए आयाम दे रहे हैं. भूपेंद्र सिंह जनता के बीच हर वक्त रहते हैं यही वजह है कि उनकी गिनती बीजेपी के लोकप्रिय नेताओं में होती है.
सरकार से लेकर संगठन तक कुशल रणनीतिकार
मंत्री भूपेंद्र सिंह सरकार से लेकर संगठन तक के कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं. हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव बीजेपी को मिली जीत में उनकी अहम भूमिका मानी गई. जबकि संगठन में उनकी कार्यकुशलता को कोई सानी नहीं है. बीजेपी को दोबारा से सत्ता में लाने में उनकी अहम भूमिका रही थी, भूपेंद्र सिंह स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं. यही वजह है कि मध्य प्रदेश में भूपेंद्र सिंह की गिनती बीजेपी के उन रणनीतिकारों में होती है जिनकी क्षमता का लोहा उनके विरोधी भी मानते हैं. यही वजह है कि सरकार से लेकर संगठन तक वह नेताओं की पहली पसंद माने जाते हैं. इससे पहले 2013 में बनी शिवराज सरकार में उन्होंने गृह और परिवहन मंत्रालय जैसे बड़े विभागों की जिम्मेदारी संभाली थी. जिसमें भोपाल जेल से भागने वाले सिमी के आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में भी उनकी बड़ी भूमिका था. ओबीसी वर्ग से आने वाले भूपेंद्र सिंह सीएम शिवराज के करीबी मंत्रियों में से एक हैं.
भोपाल से दिल्ली तक का सफर तय कर चुके हैं मंत्री भूपेंद्र सिंह
भूपेंद्र सिंह भोपाल से दिल्ली तक का तय कर चुके हैं सफर. 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पूर्व ओलपियन अशलम शेरखान को हराकर सागर लोकसभा सीट सीट से जीत दर्ज की थी. जबकि उनके राजनीतिक करियर की बात की जाओ तो 1982 में सागर विश्वविद्यालय जिसे अब डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है, वहां के छात्र सचिव चुने गए थे. 1985 में वह भाजपा युवा मोर्चा सागर के जिलाध्यक्ष बने और यही से उनकी बीजेपी में राजनीतिक पारी शुरू हुई. 1993 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट से विधायक बने और 1998 में भी लगातार दूसरी बार चुनाव जीता. 2009 के लोकसभा चुनाव में वह सागर से सांसद बने, जबकि
2013 में वह तीसरी बार विधायक का चुनाव जीते और शिवराज सरकार में परिवहन मंत्री बने. बाद में उन्हें गृह मंत्री भी बनाया गया. जबकि 2016 में आयोजित हुए उज्जैन महाकुंभ का प्रभार भी भूपेंद्र सिंह को मिला था. 2018 में भूपेंद्र सिंह चौथी बार विधायक बने और वर्तमान में वह शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.