mahakal lok mahashivaratri 2023: महाकाल की नगरी में शिव नवरात्रि पर्व की आज से शुरुआत हो गई है. आज पहले दिन बाबा महाकाल का चंद्रमोलेश्वर श्रंगार किया गया. आज से महाशिवरात्रि तक बाबा महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग रूप में दर्शन देंगे.
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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में महाशिवरात्रि (mahashivaratri) पर्व का उत्साह शुरू हो गया है. शुक्रवार को बाबा के धाम में शिवनवरात्रि पर्व का पहला दिन रहा. पहले दिन भगवान महाकाल का चंद्रमोलेश्वर रूप भक्तों ने देखा और आशीर्वाद लिया. पुजारी महेश गुरू ने बताया अल सुबह भस्मार्ती के दौरान पंचाभिषेक हर रोज की तरह हुआ. जिसके बाद कोटेश्वर महादेव, भगवान वीरभद्र, रामेश्वर भगवान का पूजन शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु के आचार्यत्व में हुआ. 11ब्राह्मणों द्वारा देश व प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की गई.
बता दें कि दोपहर 03बजे पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण व आभूषण धारण करवाए गए और बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. पुजारी महेश गुरु ने कहा "फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष तिथि पंचमी" तिथि से 9 दिवसीय पर्व की शुरुआत हुई. हर रोज भगवान अलग अलग स्वरूप में दर्शन देंगे.
वर्षो बाद शनि प्रदोष संयोग
पुजारी ने बताया की वर्षो बाद महाशिवरात्रि पर्व पर शनि प्रदोष का संयोग बन रहा है. 9 दिन अलग-अलग रूप में बाबा भक्तों को दर्शन देंगे. 18 फरवरी महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन लाभ लेंगे और 19 को अल सुबह होने वाली भस्मारती दोपहर के वक्त होगी. ऐसा साल में एक ही दिन होता है. भगवान सांयकाल में हर रोज दोपहर 03.00 बजे संध्या पूजन के पश्चात नए वस्त्र और आभूषण धारण करेंगे. शिव-नवरात्रि का समय भगवान शिव के पूजन अर्चन, ध्यान- चिंतन -मनन, की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है.
जानिए पूजन व आरती का समय और रोज होने वाले भगवान के दर्शन रूप के बारे में-
पहला दिन : चंद्रमोलेश्वर श्रंगार किया गया.
दूसरा दिन : शेषनाग शृंगार
तीसरा दिन : घटाटोप शृंगार
चौथा दिन : छबीना शृंगार
पांचवां दिन : होल्कर शृंगार
छठा दिन : मनमहेश शृंगार
सातवां दिन : उमा महेश शृंगार
आठवां दिन : शिव तांडव शृंगार
नवें दिन भगवान दूल्हा रूप में दर्शन देंगे और इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए और जाएंगे दोपहर में भस्मारती होगी. आज से श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में 9 दिन तक हरि कीर्तन आयोजित किया जाएगा. जिसका समय शाम 4 से 6 बजे तक 2 घंटे स्व पंडित राम कानडकर के सुपुत्र पंडित रमेश द्वारा शिवकथा हरिकीर्तं किया जाएगा.
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