मध्य प्रदेश में अब इतनी हो गई BJP विधायकों की संख्या, जानिए क्या हैं इसके सियासी मायने
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मध्य प्रदेश में अब इतनी हो गई BJP विधायकों की संख्या, जानिए क्या हैं इसके सियासी मायने

मध्य प्रदेश में तीन विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद भाजपा विधायकों की संख्या अब सदन में बढ़ गई है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक बीजेपी की इस रणनीति के कई मायने हैं. 

मध्य प्रदेश में अब इतनी हो गई BJP विधायकों की संख्या, जानिए क्या हैं इसके सियासी मायने

भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव के बीच मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला, प्रदेश के तीन विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया, इनमें विधायकों में बसपा के संजीव सिंह कुशवाहा, समाजवादी पार्टी के राजेश शुक्ला और निर्दलीय विधायक राणा विक्रम सिंह भाजपा में शामिल हो गए. इन तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल के कई सियासी मायने हैं. 

राष्ट्रपति चुनाव में होगा फायदा 
इन तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की एक बड़ी वजह राष्ट्रपति चुनाव भी माना जा रहा है, दरअसल, अब मध्य प्रदेश में अब बीजेपी विधायकों की संख्या बढ़कर 130 हो गई है. अब तीनों विधायक राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को वोट करेंगे, जिससे राष्ट्रपति चुनाव में मध्य प्रदेश से भाजपा समर्थित वोट वैल्यू बढ़ जाएगी और यह संख्या 262 हो जाएगी. जिसका सीधा फायदा राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को होगा. 

2023 में बीजेपी की तरफ से लड़ सकते हैं चुनाव 
दरअसल, तीनों विधायक 2023 में बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ सकते हैं, बसपा विधायक संजीव सिंह तो पहले भी बीजेपी में शामिल रह चुके हैं, लेकिन 2013 में टिकट नहीं मिलने के चलते वह बीएसपी में शामिल हो गए थे. खास बात यह है कि इन तीनों विधायकों का उनके क्षेत्र में अच्छा होल्ड माना जाता है, ऐसे में तीनों को बीजेपी में शामिल कर पार्टी निकाय और पंचायत चुनाव में भी इसका फायदा लेने की तैयारी में हैं. 

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तीनों विधायकों की तारीफ करते हुए कहा कि ''तीनों एमपी के सबसे ताकतवर विधायकों में से एक जो अपने क्षेत्र में मजबूत होल्ड रखते है. उनका भाजपा परिवार में स्वागत है.'' भिंड में बसपा के टिकिट पर 2018 में बने विधायक संजीव सिंह कुशवाह टिकट न मिलने के चलते नाराज होकर बसपा में चले गए थे. अब भाजपा में शामिल होने के बाद संजीव सिंह कुशवाह ने इसे अपनी घर वापसी बताया, उन्होंने कहा कि वह कुछ देर के लिए भटक गए थे, लेकिन अब अपने घर में वापस आ चुके हैं. 

वहीं विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि 2018 में भाजपा से टिकिट नहीं मिलने की वजह से सपा के टिकट पर जीते थे, राजेश शुक्ला ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए जनता ने जिताया था, लेकिन विकास उस तरह से नहीं हो पा रहा था, अब विकास के लिए भाजपा में शामिल हुआ हूं. सुसनेर से निर्दलीय विधायक राणा विक्रम सिंह ने कहा कि ''मन 2018 में सीएम शिवराज के साथ था पर शिवराज सिंह चौहान जी ने मना कर दिया बहुमत नहीं इसलिए सरकार नहीं बनायेंगे. लेकिन अब मैं उनके साथ हूं.''

सीएम शिवराज ने तीनों विधायकों की तारीफ 
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''आज संतोष और प्रशन्नता की बात है, आज राज की बात राणा विक्रम सिंह ने कह दी. 2018 में हमारे कम विधायक आये थे. मुझे लगा हमारा बहुमत नहीं तो सरकार नहीं बनानी चाहिए. लेकिन आज संतोष का समय है. ये तीनों विधायक मूल रूप से पार्टी लाइन के थे. सदन से लेकर राज्यसभा में पिछले दो साल से साथ रहे है.''

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