रतलाम जिला जेल में कौदी भाइयों का राखी बांधने पहुंची बहनों को निराश होकर घर लौटना पड़ा था, लेकिन अब महापौर, विधायक, मंत्री और DGP के दखल के बाद सभी जेलों के लिए आदेश दिए गए हैं कि बहनों को राखी बांधने से न रोका जाए.
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चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम: मध्य प्रदेश के रतलाम में महापौर, मंत्री, विधायक, DGP के दखल के बाद आखिरकार जेल में बंद भाइयों की बहनों को राखा बांधने की इजाजत मिल गई है. देर शाम इस संबंध में गृह विभाग ने सभी जिला जेलों को आदेश जारी किया और कहा गया कि जेल में राखी बांधने आने वाली महिलाओं को राखी बंधने से न रोका जाए.
बहनों को निराश होकर घर लौटना पड़ा था
दरअसल रक्षाबंधन, गुरुवार को रतलाम के जिला जेल में कैदी भाइयों को राखी बांधने पहुंची कई बहनों को निराश होकर घर लौटना पड़ा. जेल प्रबंधन ने कैदियों की सामान्य मुलाकात तो करवाई, लेकिन राखी बांधने पहुंची बहनों को राखी बांधने की इजाजत नहीं दी, जिसे लेकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने जेल परिसर पहुंचकर प्रदर्शन भी किया और इसके बाद मामला महापौर के पास पहुंचा.
महापौर के बाद मामला विधायक, मंत्री और DGP तक पहुंचा
महापौर प्रहलाद पटेल जेल पहुंचे और जेल अधीक्षक से चर्चा की. इसके बाद उन्होंने आदेश नहीं होने की जानकारी शहर विधायक चेतन काश्यप को दी. विधायक चेतन काश्यप ने डीजीपी, सीएम ऑफिस और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से बात की और बहनों का राखी बांधने की इजाजत देने की अपील की. इसके बाद देर शाम तक प्रदेश की जेलों में आदेश दिया गया की जेल में आने वाली बहनों को अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने दी जाए.
जेल प्रबंधन को नहीं थे सीधे मुलाकात के आदेश
रतलाम जेल अधीक्षक लक्ष्मण सिंह ने बताया कि हमें आदेश थे कि सीधे मुलाकात करवाई जाए. ऐसे में कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बहनों की मुलाकात करवाई थी. लेकिन दोपहर में कुछ लोगो ने मांग रखि थी कि बहनों की सीधे मुलाकात करवाकर राखी बांधने दी जाए. देर शाम को आदेश हो गए. अब हम कल जेल में बहनों को सीधे मुलाकात करवाकर राखी बंधवाएंगे.
कोरोना के बाद से नहीं जारी किया गया था कोई नया आदेश
बता दें कोरोना के कारण पिछले 2 वर्ष से रक्षाबंधन के पर्व पर जेल में बंद कैदियों के परिजन और बहनों को जेल में मिलने और राखी बांधने की अनुमति नहीं दी गई थी. इस साल कोरोना के हालत काबू होने के बाद भी अलग से कोई आदेश नहीं दिए गए थे. इस कारण जेल प्रबंधन पुराने आदेशों के हिसाब से ही राखी यानी रक्षाबंधन का त्यौहार जेलों में मना रहा था. हालांकि अब आदेश आ जाने से बहने अपने भाइयों को राखी बांध पाएंगी.