कमलनाथ ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट वितरण पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बताया है कि इस बार कांग्रेस किस आधार पर टिकट देगी और 2023 के लिए टिकट वितरण की रणनीति क्या होगी.
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आकाश द्विवेदी/भोपाल। एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर है, तो वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में कांग्रेस चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भले ही अभी डेढ़ साल का वक्त है, लेकिन टिकट दावेदार अब धीरे-धीरे सक्रिए होने लगे हैं. वहीं अनुसूचित जाति विभाग के कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण पर बड़ा बयान दिया है.
टिकट वितरण पर अभी कोई सर्वे नहीं हुआ है
दरअसल, प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि कांग्रेस अभी से टिकट वितरण के लिए सर्वे करवा रही है. जब यह सवाल कमलनाथ ने किया गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि ''अभी कोई सर्वे नहीं हुआ है. क्योंकि चुनाव के एक साल पहले से कोई सर्वे नहीं होता है. अभी फिलहाल किसी भी तरह का कोई भी सर्वे नहीं हुआ है.''
इस आधार पर दिए जाएंगे टिकट
वहीं टिकट वितरण की प्रक्रिया को लेकर कमलनाथ ने कहा कि ''विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण और सर्वे के आधार पर ही टिकट दिया जाएगा. जिसमें जनता का सर्वे सबसे ज्यादा जरूरी होगा. जो भी जनता की पसंद होगा उसे ही जातीय समीकरण के आधार पर टिकट दिया जाएगा.'' बता दें कि भले ही अभी चुनाव में लंबा समय है. लेकिन नेता अभी से दावेदारी में जुट गए हैं. कई सीटों पर टिकट के दावेदारों ने लॉबिंग शुरू कर दी है. ऐसे में टिकट वितरण पर कमलनाथ का यह बयान अहम माना जा रहा है.
बीजेपी पर साधा निशाना
अनुसूचित जाति विभाग के सम्मेलन में पहुंचे कमलनाथ ने इस दौरान बीजेपी पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि एमपी में भ्रष्टाचार का सिस्टम बनाया गया है. यह अगला साल यानि अगले 12 महीने घोटालों का साल रहेगा. 18 साल के घोटालों का सिस्टम का खुलासा हो रहा है. पोषण आहार का मामला विधानसभा में उठाया जाएगा.''
आरोप पत्र और वचन पत्र दोनों तैयार हो रहे हैं
वहीं जबलपुर में यूरिया के मामले में हुई गड़बड़ी पर कमलनाथ ने कहा कि ''यूरिया को लेकर FIR सिर्फ एक फॉर्मेलिटी है. भ्रष्टाचार को दबाने और छिपाने का काम किया जा रहा है. कमलनाथ ने कहा हम आरोप पत्र और वचन पत्र दोनों तैयार कर रहे हैं. दोनों को चुनाव के आखिरी 6 महीने में प्रकाशित किया जाएगा.
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