CM शिवराज से जयस की बड़ी मांग, आदिवासी हितैषी सरकार होने का मांगा सबूत
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CM शिवराज से जयस की बड़ी मांग, आदिवासी हितैषी सरकार होने का मांगा सबूत

  सेंधवा ब्लॉक मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर स्थित चिथरई गांव में सबसे प्रचिलित चूल मेले का आयोजन हुआ. इसमें करीब 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए. यहां पारंपरिक वेश-भूषा में ढोल मांदल की थाप पर जमकर आदिवासी (Adivasi Mela) जमकर थिरके.

CM शिवराज से जयस की बड़ी मांग, आदिवासी हितैषी सरकार होने का मांगा सबूत

वीरेंद्र वाशिंदे/बड़वानी:  सेंधवा ब्लॉक मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर स्थित चिथरई गांव में सबसे प्रचिलित चूल मेले का आयोजन हुआ. इसमें करीब 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए. यहां पारंपरिक वेश-भूषा में ढोल मांदल की थाप पर जमकर आदिवासी (Adivasi Mela) जमकर थिरके. वहीं इस मेले में जयस (Jyas) प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजू पटेल भी पहुंचे. यहां उन्होंने शिवराज सरकार (shivraj sarkar) पर निशाना साधा है.

बता दें कि सेंधवा ब्लॉक मुख्यालय से करीब 30 किमी चिथराई गांव में आज सबसे प्रचिलित चूल मेला का आयोजन था. मेले में बड़वानी खरगोन सहित सीमावर्ती महाराष्ट्र के गांवों से भी हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए ढोल मांदल की थाप पर आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेश भूषा पहनकर मेले में जमकर नाचते और झूमते नजर आए.

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जयस ने किया पलटवार
प्रसिद्ध मेले में आदिवासी संगठन जयस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजू पटेल भी पहुंचे. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भोंगर्या (भगोरिया) हाट को राजकीय पर्व घोषित किये जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि सीएम सिर्फ घोषणाएं करते हैं. शिवराज मामा झूठ बोलते हैं. जिले के जुनाझीरा भोंगर्या हाट में शामिल होने का बोला था लेकिन वो नहीं आए. आदिवासी वेश भूषा पहनने से कुछ नहीं होता. अगर सीएम आदिवासी हितैषी हैं, तो 5वीं अनुसूची को लागू करें. सीएम सिर्फ घोषणा करते हैं. धरातल पर कुछ नहीं है.

भगोरिया राजकीय पर्व
बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने अलीराजपुर दौरे पर ऐलान किया है. सीएम ने जनजातीय आदिवासी परंपरा के अभिन्न अंग भगोरिया को राजकीय पर्व घोषित करने को लेकर ऐलान किया और उन्होंने कहा की सरकार पर्वों का इंतजाम करने  में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा था कि आज हम यह फैसला कर रहे हैं. आज से भगोरिया हमारा जो जनजातीय आदिवासी परंपरा का अभिन्न अंग है. लोक पर्व है. अब भगोरिया को राजकीय पर्व और सांस्कृतिक धरोहर माना जाएगा. यह परंपरा बनी रहे, यह लोक कला बनी रहे. 

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