आदिवासी संगठन के बागी तेवर से कांग्रेस में खलबली! विधायक बोले- सरकार बनानी है तो जयस जरूरी
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आदिवासी संगठन के बागी तेवर से कांग्रेस में खलबली! विधायक बोले- सरकार बनानी है तो जयस जरूरी

जयस संरक्षक हीरालाल अलावा के ऐलान के बाद से कांग्रेस की चिंता बढ़ी हुई है. कांग्रेस विधायक मनोज चावला का कहना है कि अगर अगले विधानसभा चुनाव में सरकार बनानी है तो जयस का साथ आना जरूरी है. 

आदिवासी संगठन के बागी तेवर से कांग्रेस में खलबली! विधायक बोले- सरकार बनानी है तो जयस जरूरी

प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्यप्रदेश में आदिवासी संगठन जयस के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद से कांग्रेस में खलबली मच गई है. कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि अगर हमें 2023 में सरकार बनानी है तो जयस जरूरी है. बता दें कि जयस के संरक्षक हीरालाल अलावा ने ऐलान किया है कि उनका संगठन आगामी विधानसभा चुनाव में 80 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगा. हीरालाल अलावा के इस बयान ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है. 

कांग्रेस विधायक मनोज चावला ने कहा कि 2018 में जयस की बदौलत ही कांग्रेस की सरकार बनी थी. जयस आदिवासी क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखती है. जिसका कांग्रेस को बड़ा फायदा हुआ था. कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि जयस को बीजेपी भड़का रही है. हमें जयस से बात करनी होगी. 2023 में कांग्रेस को सरकार बनानी है तो जयस का साथ जरूरी है.

बता दें कि जयस (जय युवा आदिवासी संगठन) आगामी 20 अक्टूबर को धार के कुक्षी में एक महापंचायत का आयोजन करेगा. बताया जा रहा है कि इस महापंचायत में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी. जयस के संरक्षक हीरालाल अलावा ऐलान कर चुके हैं कि प्रदेश की 80 सीटों पर जयस अकेले दम पर चुनाव लड़ेगा. हीरालाल अलावा के इस ऐलान को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में आदिवासी मतदाताओं ने बड़ी भूमिका निभाई थी. अब अगर जयस अपने दम पर चुनाव लड़ता है तो इससे कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं. 

प्रदेश में 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं और 80 से ज्यादा सीटों पर आदिवासी वर्ग का दबदबा माना जाता है. यही वजह है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी आदिवासियों को अपने पाले से नहीं जाने देना चाहती. बीजेपी सरकार ने भी हाल के दिनों में कई ऐसी योजनाएं लॉन्च की गई हैं, जिनमें आदिवासी कल्याण पर फोकस किया गया है. बीजेपी को आदिवासी वर्ग से आने वाली द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का भी फायदा मिलने की उम्मीद है.  

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