All About Gotra: सनातन में गोत्र क्या है? जानें इसे पता लगाने का आसान तरीका, वैज्ञानिक महत्व और उपयोग
Advertisement

All About Gotra: सनातन में गोत्र क्या है? जानें इसे पता लगाने का आसान तरीका, वैज्ञानिक महत्व और उपयोग

Hindu Mythology: हिंदू संस्कृति यानी सनातन धर्म में गोत्र का अत्यधिक महत्व (gotra importance in hinduism) होता है. लेकिन, आज की मॉर्डन आबादी को इसके बारे में कम ही पता होता है और जब जरूरत पड़ती है तो वो इंटरनेट पर सर्च करते हैं. यहां जानिए अपना गोत्र पता लगाने का तरीका, इसका महत्व और उपयोग.

All About Gotra: सनातन में गोत्र क्या है? जानें इसे पता लगाने का आसान तरीका, वैज्ञानिक महत्व और उपयोग

Hindu faith: आज के समय में बहुत से लोगों ये पता नहीं होता है कि उनका गोत्र क्या (what is gotra) है. और तो और लोगों को ये भी पता नहीं होता है कि इसक महत्व क्या है और इसके बारे में जानकारी कहा से मिलेगी. आइये आज हम आपकी इसी समस्या का समाधान लेकर आए है. आज की ज्योतिष स्टोरी में आपको अपना गोत्र पता लगाने का आसान तरीका और उससे जुड़ी अन्य जानकारियां दे रहे हैं.

गोत्र का इतिहास क्या है
गोत्र का इतिहास संसार की उत्पति जितना ही पुराना है. मान्यता है कि गोत्र का संबंध ऋषि-मुनियों से है. इसी के जरिए भारत में प्राचीन समय से वंश का पता चलता है. यह आज भी प्रचलन में है. लेकिन, कई लोगों को अपने गोत्र के बारे में ही जानकारी नहीं बोता है.

Gram Water Benefits: खाली पेट चने का पानी साबित होगा वरदान, सेवन से होंगे 5 जबरदस्त फायदे

क्यों बनाया गया गोत्र
भारतीय संस्कृति में गोत्र का विभाजन इस कारण से किया गया की एक ही खून से संबंध रखने वालों की पचान की जा सके और उनके बीच शादी जैसे संबंध न हों. इससे कई तरह के विकारों से बचा जा सकता है.

गोत्र का महत्व
हमारे धर्म में गोत्र का महत्व काफी अधिक है. धार्मिक अनुष्ठान, संकल्प से लेकर शादी विवाह इसके बिना संभव नहीं हो पाते. पुराने लोग इसके बारे में अच्छे से जानते थे. लेकिन, पीढ़ी दर पीढ़ी गोत्र के बारे में लोग कम जानकारी रखने लगे और जरूरत पड़ने पर गुगल करते हैं. लेकिन, वहां कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिलती.

ये भी पढ़ें: आजमाएं सरसों के तेल और मेथी-लहसुन के ये उपाय, 15 दिन में देखें कमाल

कितने गोत्र होते हैं
- अत्री
- भारद्वाज
- भृगु
- गौतम
- कश्यप
- वशिष्ठ
- विश्वामित्र

सेम गोत्र में होती है ये शर्तें
गोत्रों का विभाजन वंश बांटने के लिए किया गया था. ऐसे में एक ही गोत्र में शादियां नहीं हो सकती है. किसी एक गोत्र के लोग मान्यता अनुसार किसी एक पूर्वज की संताने हैं. ऐसे में वो आपस में भाई बहम हो जाते हैं और उनके बीच खून की रिश्ता होता है.

Facts About Shiva: भोलेनाथ से जुड़ी इन 8 बातों को नहीं जानते लोग! सावन में यहां पाएं जवाब

अपने गोत्र का पता कैसे करें
गोत्र आपके पूर्वजों से संबंधित होता है. इसके बारे में घर के बुजुर्गों से जानकारी मिलती है. आप अपनी वंशावली में भी इसकी जानकारी ले सकते हैं. अगर बड़ो से ये जानकारी न मिले तो हरिद्वार और इलाहाबाद में अपने क्षेत्र के पंडों के पास जाकर इसकी जानकारी ले सकते हैं. उनके पास वंशावली उपलब्ध होती है. वो अपने यजमानों का डेटा रखते हैं.

ये गलती न करें
कई लोग गुगल के जमाने में अपना गोत्र ऑनलाइन सर्च करने लगते हैं. तमाम वेबसाइटें ऐसे दावे भी करती है. लेकिन, यहां कोई जानकारी पुख्ता नहीं होती. इस लिए गोत्र की जानकारी के लिए पंडों के पास जाए या अपने बुजुर्गों से पता करें.

Veg Protein Food: शाकाहारी खाएं ये 5 वेजीटेरियन फूड, नहीं होगी प्रोटीन की कमी

कश्यप गोत्र के होते हैं ये सभी लोग
जिसका गोत्र पता न हो वो किस गोत्र में माना जाएगा. इसे लेकर भी लोगों के सामने बड़ा सवाल होता है. ऐसे में जानकार कहते हैं कि जिस व्यक्ति के गोत्र के बारे में जानकारी न हो उसे कस्यप गोत्र का माना जाना चाहिए. ऐसे ही वैदिक काल से परंपरा चली आ रही है.

गोत्र का वैज्ञानिक महत्व
विज्ञान ने इस बात को माना है कि एक गोत्र में शादी से कई जेनेटिक समस्याएं होती है. एक ही गोत्र या कुल में शादी करने पर दंपती की संतान में आनुवांशिक दोष का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में गोत्र विभाजन से एक वंशीय लोगों को शादी से रोका जा सकता है.

Sharabi Aur Saand: शराबी को सांड से हो गया प्यार! सड़क पर करने लगा ऐसा रोमांस; आंख मूंद लोगों ने फेरा सिर

डिसक्लेमर: यह लेख की सटीकता की गारंटी नहीं लेता. इसे विभिन्न माध्यमों से संग्रहित जानकारी के आधार लिखा गया है. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना मात्र है. विस्तृत जानकारी आप अपने बुजुर्गों से ले सकते हैं.

Uncle Aunty Ka Video: बारिश में अंकल-आंटी ने शेयर किया छाता, सोशल मीडिया में कुछ ऐसे आया प्यार का तूफान

Trending news