Ujjain news : मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल (Mahakal Mandir Ujjain) के भक्तो के लिए एक अच्छी खबर है. बता दें कि बीती 24 दिसंबर से बंद आम भक्तों के लिए गर्भगृह (Garbhgrih Open For Devotees) के कपाट को आज से फिर से खोल दिया गया है. बीती 24 तारीख को ये कपाट बंद थे.
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Mahakal News: महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir Ujjain) के दर्शन करने जा रहे भक्तों के लिए एक अच्छी खबर है. आपको बता दें कि शुक्रवार से आम श्रद्धालुओं के लिए फिर से गर्भ गृह (Garbhgrih Open For Devotees) के कपाट खोल दिए जाएंगे. मंदिर प्रबंध समिति ने जानकारी दी कि नए साल की वजह से मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या काफी बढ़ गई थी. इस वजह से बीती 24 तारीख को ये कपाट बंद कर दिए गए थे. पिछले कई दिनों में सिर्फ पुजारी, पंडा ही गर्भ गृह में प्रवेश कर सकते थे. लेकिन समिति के प्रशासक ने बताया कि अब पहले की तरह आम भक्त फिर से गर्भ गृह में जा सकेंगे.
इन तीन दिन श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे दर्शन
महाकाल के गर्भगृह में पूजा अर्चना के लिए दो व्यवस्थाएं लागू रहेंगी, जिसमें आम श्रद्धालु नि:शुल्क दर्शन कर सकेंगे जबकि विशेष श्रद्धालुओं को शुल्क देकर दर्शन करने की अनुमति रहेगी. लेकिन प्रशासक ने बताया कि शनिवार, रविवार और सोमवार को कपाट सिर्फ विशेष लोगों के लिए ही खोला जाएगा. इस दिन भक्तों कि संख्या ज्यादा रहती है इसलिए आम भक्तों को गर्भगृह में पूजा करने की अनुमति नहीं होगी.
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शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर बाकी दिन आम लोगों को यानी मंगलवार से शुक्रवार तक दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक और शाम 6 से 7.30 बजे आम श्रद्धालु नि:शुल्क प्रवेश कर सकेंगे. बता दें कि आप सिर्फ दर्शन ही कर पाएंगे. बाबा के अभिषेक और पूजन करने पर मनाही रहेगी. साथ ही साथ आपको बता दें कि अगर इस दौरान भी संख्या बढ़ी तो भी नियमों में दोबारा बदलाव किए जा सकते हैं.
शिवरात्रि पर भी बदल सकते हैं नियम
18 फरवरी को शिवरात्रि का त्योहार है. ऐसे में महाकाल के दर्शन के लिए भारी संख्या में भक्तों के पंहुचने की उम्मीद है. ऐसे समय में भी पूजा अर्चना के नियमों में बदलाव किए जाने की संभावना है. शिवरात्रि के त्योहार की हिंदू धर्म में काफी ज्यादा मान्यता है. ये त्योहार हर साल जनवरी या फरवरी में पड़ता है. इस दौरान देशभर के भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ लगती है और खासतौर पर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक उज्जैन के महाकाल मंदिर में देश के कई कोने से भक्त बाबा का आशिर्वाद लेने पहुंचते हैं. ऐसे में हर साल पूजा अर्चना के नियमों में बदलाव किए जाते हैं.