Madhya Pradesh News: मुख्यमंत्री चुने जाने के 100 दिन पूरे होने पर सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि हर व्यक्ति के काम करने का तरीका अलग होता है. हम टीम हैं. कप्तानी हमें दी गई है. कोई बल्लेबाजी अच्छी कर रहा है, किसी की बॉलिंग अच्छी है तो कोई कीपर अच्छा है. टीम में कोई पिछड़ता नहीं है.
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Madhya Pradesh News: डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने के 100 दिन पूरे हो गए. मोहन यादव ने सीएम बनने के बाद ताबड़तोड़ फैसलों को लेकर अलग पहचान बनाई. इस अवसर पर सीएम ने एक स्थानीय अखबार से बातचीत में कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. सीएम यादव ने अपनी उपलब्धियों, कैबिनेट में सीनियर मंत्रियों से कॉर्डिनेशन और प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध लाडली बहन योजना जारी रहने पर बात की. आइए पढ़ते हैं सीएम मोहन यादव की बातचीत के कुछ अंश...
तेज फैसलों को लेकर सीएम यादव ने कहा, ' मैं किसी भी काम को समय पर छोड़ देने वाले लोगों में से नहीं हूं. जो काम हाथ में है, उसे खत्म करिए. सेहत ठीक रखने के लिए कड़वी दवाई पीनी पड़ती है. अगर कड़े फैसलों से जनता सुखी है तो फिर ऐसे निर्णयों से परहेज कैसा?' सीएम ने आगे पूर्व मुख्यमंत्री के कई फैसलों को बदलने के सवाल पर कहा, 'हर व्यक्ति के काम करने का तरीका अलग होता है. फैसले समय और परिस्थितियों को देखकर किए जाते हैं.'
कैलाश विजयवर्गीय पर क्या बोले CM?
भाजपा के सीनियर नेता और वर्तमान में मप्र के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि वे सिर्फ यादव नहीं होने के कारण पिछड़ गए. वह सीएम की रेस में सब में आपसे आगे थे. इस पर मोहन यादव ने जवाब देते हुए कहा कि कैलाश विजयवर्गीय वरिष्ठ नेता हैं. वो पिछड़ेंगे कैसे? उनका मार्गदर्शन मार्ग प्रशस्त करता है. सीएम ने कहा- 'हम टीम हैं. कप्तानी हमें दी गई है. कोई बल्लेबाजी अच्छी कर रहा है, किसी की बॉलिंग अच्छी है तो कोई कीपर अच्छा है. टीम में कोई पिछड़ता नहीं है.'
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क्या बंद होगी लाडली बहन योजना?
यादव फेस को लेकर सीएम ने कहा, 'जो सिर्फ जातियों पर बात करते हैं, उन्हें ऐसे शिगूफे सूझते हैं. भाजपा ही सामान्य कार्यकर्ता को सीएम बना सकती है. विकास, राष्ट्र प्रेम, जनकल्याण भाजपा का चेहरा है.' सीएम ने लाडली बहना योजना को लेकर कहा कि योजना बंद नहीं होगी. हमारे पास पैसों की कोई कमी नहीं है. सीएम हाउस में फैमिली साथ नहीं रहने के सवाल पर सीएम ने वजह बताते हुए कहा कि संयुक्त परिवार है. बुजुर्गों की सेवा के लिए पत्नी को उज्जैन में रह रही हैं. बेटा भोपाल में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. नहीं चाहता कि उसका ध्यान भटके. इसके अलावा उन्होंने साफ कहा कि उन्हें मिले हेलीकॉप्टर या सरकारी गाड़ियों का उपयोग परिवार नहीं करता.