अब मूकबधिर बच्चे बनेंगे पटवारी, Indore में प्राइवेट कोचिंग सेंटर यूं कर रहा तैयार
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अब मूकबधिर बच्चे बनेंगे पटवारी, Indore में प्राइवेट कोचिंग सेंटर यूं कर रहा तैयार

मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore) शहर में एक कोचिंग संस्थान ने शानदार पहल शुरू की है,जिससे दिव्यांग छात्र भी प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर सकते हैं. इससे दिव्यांग छात्र भी अपनी अक्षमताओं से पार पाते हुए सफलता की नई ऊंचाइयां छू सकेंगे.

अब मूकबधिर बच्चे बनेंगे पटवारी, Indore में प्राइवेट कोचिंग सेंटर यूं कर रहा तैयार

MP News: मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore) शहर में एक कोचिंग संस्थान ने शानदार पहल शुरू की है,जिससे दिव्यांग छात्र भी प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर सकते हैं. इससे दिव्यांग छात्र भी अपनी अक्षमताओं से पार पाते हुए सफलता की नई ऊंचाइयां छू सकेंगे. इसके लिए इंदौर में स्पेशल क्लास (Special Classes For Deaf and Mute) के जरिए इन छात्रों को पढ़ाया जाएगा और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी. बता दें इंदौर शहर के मूकबधिर संस्थान ने पटवारी की तैयारी कर रहे दिव्यांग छात्रों के लिए स्पेशल क्लास शुरू कर दी है. इन छात्रों को साइन लैंग्वेज के सहारे पढाया जा रहा है. 

साइन लैंग्वेज से पटवारी की तैयारी 
देशभर में दिव्यांग युवाओं की काफी संख्या हैं जो अपनी अक्षमता के कारण करियर नहीं बना पाते है. ऐसे दिव्यांग छात्रों  के लिए आनंद मुकबधिर के संचालक ने बेहतरीन शूरुआत की है. उन्होंने बताया है कि जो छात्र बोल और सुन नहीं सकते हैं. वे सामान्य छात्रों की ही तरह अब साथ बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं. यहां उनके लिए  पटवारी  परीक्षा की तैयारी करवाई जा रही है. टीचर यहां आम बोलचाल की भाषा में पढ़ाते हैं और उसको दूसरी ओर साइन लैंग्वेज में बच्चों को संचालक ज्ञानेंद्र पुरोहित समझाते हैं. जिन दिव्यांग छात्रों को जो चीज समझ में नहीं आती है.वे शिक्षक से उन सवालों को पूछ लेते हैं और छात्र आपस में इन सवालों को डिस्कस भी करते हैं.

बता दें कुछ समय पहले तक इन बच्चों को पता ही नहीं था कि इनका भी आरक्षण होता है. ये छात्र पढ़ाई और जानकारी के अभाव में अपने हक से वंचित रह जाते थे, लेकिन इस बार दिव्यांग छात्र भी पटवारी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. 

मूकबधिर छात्र क्या कहते है ?
जब मूक बधिर संस्था के संचालक की सहायता से इन छात्रों से बात की तो इन छात्रों ने बताया कि हम लोग आम लोगों की तरह बनना चाहते है और अपना करियर पर ध्यान देना चाहते है. इसके लिए हम पटवारी की तैयारी कर रहे है. हम इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे है. 

एक्सपर्ट्स का क्या कहना
आनंद मूकबधिर संस्था के संचालक ज्ञानेंद्र पुरोहित ने एबीपी मीडिया संस्थान को बताया कि मूक बधिर बच्चे भी वह सब पाना चाहते हैं जो साधारण बच्चा पाने की इच्छा रखता है. ये छात्र आरक्षण होते हुए भी आरक्षण से वंचित रह जाते है. इसका सबसे बड़ा कारण है जानकारी का अभाव. इसके लिए हम सोशल मीडिया और यूट्यूब के जरिए आरक्षण की जानकारी दे रहे हैं. वीडियो देखने के बाद छात्रों में जागरूकता आ रही है और वे कोचिंग में आ रहे हैं. अभी तक 80 दिव्यांग बच्चे कोचिंग में पढ़ने के लिए आये हैं. मिली जानकारी के अनुसार दिव्यांग आरक्षण की 300 सीटें आरक्षित हैं. इसमें सभी तरह के दिव्यांग शामिल हैं. 

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