MP News: एमपी में इस जगह बना देश का पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक, मिलेंगी ये सुविधाएं
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MP News: एमपी में इस जगह बना देश का पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक, मिलेंगी ये सुविधाएं

Bhopal News: एम्स भोपाल में देश के पहले ट्रांसजेंडर क्लीनिक की शुरुआत की गई है. क्लीनिक हर महीने पहले और तीसरे गुरुवार को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा.

 

MP News: एमपी में इस जगह बना देश का पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक, मिलेंगी ये सुविधाएं

आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल एम्स में देश के पहले ट्रांसजेंडर क्लीनिक की शुरूआत की गई है. बता दें कि एम्स के चार विभाग मिलकर इसका संचालन करेंगे. जिसमें एंड्रयोक्रोनोलॉजी, यूरोलॉजी, मनोचिकित्सा और प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट शामिल हैं. क्लीनिक हर महीने के पहले और तीसरे गुरुवार को दोपहर 2:00 से शाम 5:00 बजे तक चलेगा.

मिलेंगी कई सारी सुविधाएं
ट्रांसजेंडर क्लीनिक में सर्जरी से लेकर मानसिक इलाज तक सब कुछ मुहैया कराया जाएगा. विभिन्न विभागों के डॉक्टर इलाज के लिए उपलब्ध रहेंगे. एम्स डायरेक्टर प्रोफेसर अजय सिंह ने बताया कि, यहां मनोचिकित्सा, एंडोक्रिनोलॉजी, यूरोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी विभाग की सेवाएं उपलब्ध रहेंगी. इसका मकसद यह है कि बिना किसी झिझक के ट्रांसजेंडर यहां इलाज कराने के लिए आ सकें.

इस दिन खुला रहेगा क्लीनिक
क्लीनिक हर महीने पहले और तीसरे गुरुवार को दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक खुले रहेगा.  यहां अलग-अलग डिपार्टमेंट के डॉक्टर मिलकर इस क्लीनिक में मरीजों का इलाज करेंगे.  इनमें बच्चे बड़े या बुजुर्ग सभी अपनी परेशानियों को गोपनीय तरीके से हल कर सकते हैं.  इस क्लीनिक का मकसद यह है कि बिना किसी झिझक के ट्रांसजेंडर यहां इलाज कराने के लिए आ सकें.

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डायरेक्टर अजय सिंह ने कही ये बात
एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉक्टर अजय सिंह ने बताया कि भारत सरकार ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को सभी तरह से समानता के अधिकार दे रही है. मेडिकल सर्विसेज में भी इन्हें प्राथमिकता मिले इसलिए यह पहल शुरू की गई है. ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के जो भी लोग आएंगे उन्हें एक छत के नीचे सभी सुविधाएं और परामर्श मिल सकेगा. मेडिकेशन के साथ सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी. उन्होंने कहा कि मैं अपील करता हूं कि ट्रांसजेंडर्स  हैं तो उन्हें छुपाए नहीं, उन्हें अभिशाप ना समझे. उन्हें एम्स भोपाल के क्लीनिक में लाएं ताकि उनका सही ट्रीटमेंट हो सके. बचपन में ट्रांसजेंडर्स का उपचार बेहतर हो सकता है. इसलिए ऐसे मामलों को छुपाना नहीं चाहिए.

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