27 साल बाद माधव नेशनल पार्क में बसाए जाएंगे बाघ, CM शिवराज और केंद्रीय मंत्री सिंधिया बाड़े में छोड़ेंगे टाइगर
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27 साल बाद माधव नेशनल पार्क में बसाए जाएंगे बाघ, CM शिवराज और केंद्रीय मंत्री सिंधिया बाड़े में छोड़ेंगे टाइगर

शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में 27 साल बाद बाघ की आवाज सुनाई देगी. इन टाइगरों को उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराज बाड़े में छोड़ेगे. 

27 साल बाद माधव नेशनल पार्क में बसाए जाएंगे बाघ, CM शिवराज और केंद्रीय मंत्री सिंधिया बाड़े में छोड़ेंगे टाइगर

दीपक अग्रवाल/शिवपुरी: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर संभाग को उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia)की जंयती पर टूरिज्म के क्षेत्र में बड़ी सौगात मिल रही है. दरअसल 10 मार्च 2023 का दिन शिवपुरी के लिए स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि इस दिन मध्यप्रदेश के शिवपुरी स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान (Madhav National Park) में 1996 से 27 साल बाद एक बार फिर माधव नेशनल पार्क में टाइगर दहाड़ सुनाई देगी

पहले चरण में तीन बाघों की दहाड़ सुनाई देगी. यहां कुल 5 बाघ लाए जायंगे. जिनमें से पहले चरण में तीन बाघों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाड़े में छोडेंगे. इन बाघों के संरक्षण की पूरी व्यवस्था माधव राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन ने कर ली है. यहां बाघों के लिए बाड़ा तैयार कर लिया गया. जिसमें पन्ना, बांधवगढ़ से एक- एक मादा तथा भोपाल से एक नर टाइगर को शिफ्ट किया जाएगा.

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फ्री रेंज में रहेंगे टाइगर
बाघ यहां पिंजरे में कैद नहीं, बल्कि फ्री रेंज यानि उनके लिए बनाए बाड़े में खुले में रखा जाएगा. यह बाड़े चार हेक्टेयर में बनाए गए. जिनमें टाइगर के लिए पानी की भी व्यवस्था भी रहेगी. यहां 24 घण्टे टाइगर ट्रेकिंग टीम भी रहेगी.

माधव नेशनल पार्क के बारे में जानिए
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिला में माधव नेशनल पार्क स्थित है. ये पार्क विंध्याचल की पहाड़ी में बसा है. अब ये पार्क 375 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है. माधव नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम शर्मा ने बताया कि पार्क के बीच बलारपुर के कमरा नंबर 112 में बाघों की देखभाल के लिए 4 हजार हेक्टेयर का बड़ा घेरा बनाया गया है. इस बाड़े को तीन भागों में बांटा गया है. बाड़े की ऊंचाई करीब 16 फीट है। तीनों बाघों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं. बाड़ों के अंदर बाघों के लिए 6-6 हजार लीटर पानी की क्षमता वाले तश्तरी बनाए गए हैं. करीब एक माह से इनमें पानी भरकर जांच की जा रही है. इनमें पानी भरने के लिए बाहर से पाइप कनेक्शन दिया गया है.

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