Emerging Madhya Pradesh: सीएम श‍िवराज के स्‍कूल का अनसुना क‍िस्‍सा, जब बचाई थी स्‍कूली साथ‍ियों की जान
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Emerging Madhya Pradesh: सीएम श‍िवराज के स्‍कूल का अनसुना क‍िस्‍सा, जब बचाई थी स्‍कूली साथ‍ियों की जान

मध्‍य प्रदेश के सीएम श‍िवराज स‍िंह चौहान प्रदेश को व‍िकास के पथ पर अग्रसर करने को तत्‍पर हैं. सीएम जब स्‍कूली द‍िनों में एक ट्र‍िप पर गए थे तो वहां उनकी ह‍िम्‍मत ने कई साथ‍ियों की जान बचाने में मदद की थी. 

सीएम श‍िवराज स‍िंह चौहान.

नई द‍िल्‍ली: जब भी मध्‍य प्रदेश में कोई टफ स‍िचुएशन आती है और ज‍िसका हल क‍िसी को पता नहीं होता, तब मध्‍य प्रदेश के पर्याय बन चुके श‍िवराज स‍िंह चौहान का नाम सबके सामने आता है. एमपी में 'मामा' के नाम से मशहूर सीएम श‍िवराज में ह‍िम्‍मत और जरूरत पड़ने पर उसके ल‍िए स्‍टेप लेने का गुण भी बचपन की ही देन है. ऐसा ही एक क‍िस्‍सा उनके स्‍कूली द‍िनों से जुड़ा हुआ है जब वह भोपाल के मॉडल स्कूल में पढ़ाई करते थे. 

स्‍कूल की ट्र‍िप का रोचक क‍िस्‍सा 
इस बारे में एक बार मॉडल स्कूल के रिटायर्ड शिक्षक केसी जैन ने बताया था कि स्कूल की एक ट्रिप बॉम्बे और गोवा के लिए निकली थी. जब हम गोवा से लौट रहे थे तो पहाड़ी ढलान पर जैसे ही बस आई तो ड्राइवर ने जोर से चिल्लाकर कहा, बस का ब्रेक फेल हो गया है. उसके बाद ड्राइवर ने सभी से बाहर कूदने के ल‍िए कहा. 

ह‍िम्‍मत से ल‍िया काम 
इस बात पर सब सोचने लगे क‍ि आगे क्‍या करें. लेक‍िन जितनी देर में लोग सोचते इतने में शिवराज ने गेट खोला और बस से बाहर चले गए. बस से उतरते समय वह गिरे और उठकर चले. फिर कुछ लड़के और कूदे तो ड्राइवर ने बस धीमी की. फिर इन लड़कों ने मिलकर बस के आगे पत्थर रखे ज‍िससे फिर बस रुक गई. 

2005 में बने थे पहली बार सीएम 
बता दें क‍ि शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ता हैं. वे 29 नवंबर, 2005 को बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. 

1975 में स्‍कूल में बने थे छात्रसंघ अध्‍यक्ष 
श‍िवराज स‍िंह सन् 1975 में मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल के छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे. आपात काल का विरोध और 1976-77 में भोपाल जेल में गए थे. अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन और जेल यात्राएं की. सन् 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे. 

ऐसा रहा राजनीत‍िक सफर 
सन् 1977-78 में अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के संगठन मंत्री. सन् 1978 से 1980 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे. सन् 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे. 

17 सालों से संभाल रहे प्रदेश की कमान 
विद्यार्थी परिषद से शुरू हुआ उनका राजनीतिक सफर आज देश के सबसे सफल मुख्यमंत्री के तौर पर जारी है. वह 17 सालों से प्रदेश की कमान संभाल रहे हैं.  शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता को कमान मिलने के बाद लोक कल्याण और अंत्योदय की दिशा में काम करना शुरू किया. विद्यार्थियों को स्कूल जाने लिए साइकिल देना, तीर्थ दर्शन योजना या निर्धारित समय में नागरिक सेवाओं की गारंटी की बात हो, लाडली लक्ष्मी योजना, विधवा पेशन योजना, वृद्धा पेशन जैसी योजनाएं प्रदेश में उनकी पहचान है. किसान, गरीब, बेरोजगार, बुजुर्ग, युवा, बच्चे, महिलाएं सीएम शिवराज ने हर वर्ग का ध्यान रखा है. उनकी इसी सोच का नतीजा है कि आज मध्य प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है.

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