Children's Day: भारत में 20 नवंबर की जगह 14 नवंबर को क्यों मनाया जाने लगा 'बाल दिवस'?
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Children's Day: भारत में 20 नवंबर की जगह 14 नवंबर को क्यों मनाया जाने लगा 'बाल दिवस'?

Childrens Day: संयुक्त राष्ट्र में डिक्लेरेशन लाकर हर साल 20 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था. साल 1964 तक भारत में भी बाल दिवस 20 नवंबर को ही मनाया जाता था. 

Children's Day: भारत में 20 नवंबर की जगह 14 नवंबर को क्यों मनाया जाने लगा 'बाल दिवस'?

Children's Day 2022: 14 नवंबर का दिन देश के बच्चों के लिए खास है क्योंकि ये दिन हमारे देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि दुनियाभर में बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है लेकिन भारत में यह 14 नवंबर के दिन मनाया जाता है. अब आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि ऐसा क्यों है? बता दें कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद में हमारे देश में 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. 

पंडित नेहरू को बच्चों के खासा लगाव था. यही वजह है कि बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे. पंडित नेहरू ने बच्चों को देश का भविष्य बताया था और कहा था कि बच्चे बगीचे की कलियों के समान होते हैं और उन्हें बड़ी देखभाल और प्यार से पोषित किए जाने की जरूरत है. वह देश का भविष्य हैं और कल के नागरिक हैं.

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में डिक्लेरेशन लाकर हर साल 20 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था. साल 1964 तक भारत में भी बाल दिवस 20 नवंबर को ही मनाया जाता था. साल 1964 में  पंडित नेहरू का निधन हो गया. इसके बाद देश के पहले और लोकप्रिय प्रधानमंत्री की याद में हर साल उनके जन्मदिन 14 नवंबर के मौके पर बाल दिवस मनाया जाने लगा. 

पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. पंडित नेहरू शुरुआती शिक्षा लेने के बाद उच्च शिक्षा के लिए 15 साल की उम्र में इंग्लैंड चले गए. इंग्लैंड से पंडित नेहरू ने वकालत की पढ़ाई की. साल 1912 में वह वापस भारत लौटे और इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू कर दी. जल्द ही वह राजनीति में आ गए. साल 1916 में उनकी मुलाकात महात्मा गांधी से हुई और वह उनके साथ आजादी की लड़ाई में कूद पड़े. 

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