नामीबिया से लाए चीते का 8 घंटे में हुआ रेस्क्यू, फिर कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ा
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नामीबिया से लाए चीते का 8 घंटे में हुआ रेस्क्यू, फिर कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ा

मध्यप्रदेश में बाघों को रिहायशी इलाकों में जाने की खबर आम हो चुकी हैं. ऐसे में अब कूनो नेशनल पार्क से निकलकर एक नर चीता ओबान रविवार को ग्रामीण इलाके में पहुंच गया.

नामीबिया से लाए चीते का 8 घंटे में हुआ रेस्क्यू, फिर कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ा

श्योपुर: मध्यप्रदेश में बाघों को रिहायशी इलाकों में जाने की खबर आम हो चुकी हैं. ऐसे में अब कूनो नेशनल पार्क से निकलकर एक नर चीता ओबान रविवार को ग्रामीण इलाके में पहुंच गया. वह एक खेत में नजर भी आया जिसका वीडियो कुछ लोगों ने वायरल भी कर दिया. हालांकि कूनो के अमले ने 7 से 8 घण्टों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार उसे पकड़ लिया और कूनो के जंगल मे वापस भेज कर राहत की सांस ली है.  बता दें कि चीते को देखकर लोगों में काफी डर का माहौल हो गया था.

DFO ने बताया कि नामिबिया से लाये गए 8 चीतों में से चार चीतों को खुले जंगल मे छोड़ा जा चुका है. खुले में छूट हुए चीते घूमते ही सामान्यतः जंगल से बाहर निकल आता है और कभी कभार नए इलाकों की ओर आने से ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच जाता है. जो आम बात है. फिलहाल नर चीता ओबान कूनो नेशनल पार्क में वापस लौट गया है.

25 किमी दूर चले गया था
बता दें कि ग्रामीण इलाके में पहुंचने की सूचना मिलने पर वन अमला और चीता मित्र मौके पर पहुंच गए थे. कई घंटों से चीते को वापस जंगल की ओर भेजने की कोशिश अब की जा रही थी. जानकारी के मुताबिक कुनो नेशनल पार्क से 25 किलो मीटर दूर निकल गया था. बता दें कि विजयपुर के गोलीपुरा ओर झार बडौदा इलाके के खेत पर तफरीह करता चीता ओबान दिखाई दिया था. 

बड़ौदा गांव पहुंचा
वन विभाग के मुताबिक ओबान की आखिरी लोकेशन बड़ौदा गांव मिली थी, एहतियात के तौर पर ग्रामीणों को जंगल की तरफ न जाने की नसीहत भी दी गई थी. ओबान के गले पर लगी कॉलर आईडी की मदद ली जा रही थी. अब लोगोनं ने राहत की सांस ली है.

8 चीते नामीबिया से आए
गौरतलब है कि पिछले साल सिंतबर के महीने में नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते बसाए गए है. हाल ही में एक मादा चीता साशा की किडनी संक्रमण से मौत हो चुकी है. जबकि एक मादा सयाया ने बीते दिनों ही 4 नन्हें शावकों को जन्म दिया है. वहीं इस साल 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 12 नए चीते भी आए है. अब सभी चीतों को नया घर रास तो आ रहा है लेकिन वन विभाग की मुश्किलें भी बढ़ने लगी है. 

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