MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा (BJP) और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress)पूरी तरह से कमर कस चुकी है. दोनों पार्टियों की नजरें एक दूसरे पर निशाना साधने के अलावा सियासी जमीन तैयार करने पर भी टिकी हुई हैं. इसके तहत दोनों पार्टी नए वोटरों को जोड़ने का काम कर रही हैं.
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आकाश द्विवेदी/ भोपाल: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा (BJP) और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) पूरी तरह से कमर कस चुकी है. प्रदेश में इस समय आरोप- प्रत्यारोप का दौर तेजी के साथ जारी हो है. दोनों पार्टियों की नजरें एक दूसरे पर निशाना साधने के अलावा सियासी जमीन तैयार करने पर भी टिकी हुई हैं. जहां एक तरफ सत्ता की कुर्सी फिर से पाने के लिए भाजपा नए वोटरों पर फोकस कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है. दोनों इस विशेष अभियान के तहत नए वोटरों को जोड़ने का काम कर रहे हैं.
BJP का विशेष अभियान
सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी किसी भी हाल में इस बार फिर से मध्य प्रदेश की गद्दी को हासिल करना चाहती है. इसके लिए देखा जा रहा है कि पार्टी ने बड़े नेताओं को भी टिकट में देकर मैदान में उतार दिया है. पार्टी की नजरें नए वोटरों पर भी टिकी हुई है. इसके लिए भाजपा ने विशेष सदस्यता अभियान चलाया जिसके तहत प्रदेश भर में 16 लाख से अधिक नए मतदाताओं के नामों को जोड़ा. बता दें कि पार्टी ने इस अभियान के तहत अभी तक 16 लाख 3 हजार 523 नए सदस्य बनाए हैं.
इस अभियान को लेकर भाजपा प्रदेश मंत्री और सदस्यता अभियान के प्रदेश प्रभारी रजनीश अग्रवाल ने बताया है कि नए जोड़े गए सदस्यों में महिला सदस्यों की संख्या 65 प्रतिशत है ज्यादा है. इसमें कई वर्गों के लोगों के अलावा प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभान्वित लोग हैं. बता दें कि इस अभियान को 20 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री ने लांच किया था.
कांग्रेस भी कर रही कोशिश
सत्ता में वापसी करने की कोशिश में लगी कांग्रेस की नजरे भी नए वोटरों पर टिकी हैं. इसके तहत पार्टी ग्रामीण इलाकों में विशेष अभियान चला रही है. इसके अलावा कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई की भी सक्रियता इसमें बढ़ गई है. बता दें छात्र संगठन के जरिए कांग्रेस भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी,भ्रष्टाचार,बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों को लेकर युवाओं तक पहुँच कर उन्हें पार्टी में जोड़ने के प्रयास में लगी हुई है. ऐसे में राजनीतिक जानकारों की मानें तो चुनाव में फ़र्स्ट टाइम वोटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.