विदिशा के कुरवाई में स्थित सीएम राइज स्कूल में मजार के बाद नमाज और राष्ट्रगान को लेकर हुई शिकायत पर जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें कमेटी मजार के अलावा सभी शिकायतों को निराधा बताया है.
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दीपेश शाह/विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा के कुरवाई में स्थित सीएम राइज स्कूल मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. कलेक्टर द्वारा गठित की गई टीम ने जांच कर अपनी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है. इसमें बताया गया है कि मजार बनाए जाने के अलावा नमाज और राष्ट्रगान न कराने की सारी शिकायतें निराधार हैं. हालांकि मजार बनाने की बात सही पाई गई है.
जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
कलेक्टर द्वारा गठित जांच कमेटी के जांच उपरांत के बाद जिले शिक्षा अधिकारी को जांच प्रतिवेदन सौंपा. इसमें जांच टीम ने बताया कि शिकायत पूरी तरह से निराधार है. स्कूल में सालों से राष्ट्रगान होता आया है और किसी तरह की कोई भी नमाज स्कूल में नहीं पढ़ी जाती थी.
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जांच में सारी शिकायतें निराधार निकलीं
जांच अधिकारी अतुल मुद्गल द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा दैनिक गतिविधियों के संबंध में बारी-बारी से पूछताछ की गई. भौतिक स्थिति का जायजा लिया तत्पश्चात यह स्पष्ट हुआ कि या शिकायत निराधार है, लेकिन मजार बनाए जाने की शिकायत सही पाई गई है. प्रारंभिक जांच के अनुसार तत्कालीन प्राचार्य शाहिना को दोषी पाया गया और उन पर कार्यवाही की गई है.
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क्या था मामला?
हाल ही में कुरवाई के सीएम राइज स्कूल की पूर्व प्राचार्य साहिना फिरदौस के पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसमें स्कूल में मजार बनाने समेत, 6 वर्षों से राष्ट्रगान नहीं कराने का मामला शामिल था. बाताया गया था कि स्कूल में विशेष समाज के लोगों द्वारा नमाज अदा की जाती है. इस मामले की दिल्ली से आए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने लिखित शिकायत विदिशा कलेक्टर को की थी.
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जिला शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा?
विदिशा के जिला शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार मौदगिल ने बताया कि फरवरी में स्कूल के मरम्मत का काम हुआ था. इसी दौरान वहां प्राचार्य रही शाहीना फिरदौस के पति ने एक मजार नुमा चबूतरे का निर्माण कराया था. शाहीना फिरदौस से इस बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल में एक क्षतिग्रस्त चबूतरा था. उसी की मरम्मत कराई थी. हालांकि जांच में ये बात गलत पाई गई, जिसके बाद ट्रांसफर और फिर उसके बाद सस्पेंड कर दिया है.