Bhopal में पैथोलॉजी लैब ऑन बाइक ! डोर टू डोर जाकर टीम करेगी टेस्ट, पढ़िए पूरी जानकारी
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Bhopal में पैथोलॉजी लैब ऑन बाइक ! डोर टू डोर जाकर टीम करेगी टेस्ट, पढ़िए पूरी जानकारी

MP News: भारत सरकार पायलट प्रोजेक्ट (Pilot project) के तहत पैथोलॅाजी लैब ऑन बाइक सुविधा शुरु करने जा रही है. इसके तहत चयनित पांच शहरों में भोपाल (Bhopal) भी शामिल है. बता दें कि इसके जरिए डोर टू डोर जा कर टीमें लोगों की जांच करेगी.

Bhopal में पैथोलॉजी लैब ऑन बाइक ! डोर टू डोर जाकर टीम करेगी टेस्ट, पढ़िए पूरी जानकारी

Health Services in MP: भारत सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) लगातार देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में लगा हुआ है. इसके लिए कई तरह की स्कीम भी चलाई जा रही है. इसी में सरकार ने पैथोलॅाजी लैब ऑन बाइक (Pathology Lab On Bike Service)सुविधा की नई पहल की है. इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारत के पांच शहरो में की जाएगी जिसमें एमपी  (Madhya Pradesh)की राजधानी भोपाल का भी चयन किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत कितनी जांचें की जाएगी क्या सुविधा मिलेगी जानते हैं.

इतनी तरह की होगी जांच
सरकार इस प्रोजेक्ट के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए काम करने वाली है. इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत बाइक पैथोलॉजी पर आम नागरिकों को सीबीसी, लिवर फंक्शन, शुगर, हीमोग्लोबिन, यूरिया, थॉयराइड, सहित 32 प्रकार की जांच की सुविधा मिलेगी. चलती- फिरती यह पैथोलॅाजी डोर टू डोर जाकर लोगों की जांच करेगी.

भोपाल में होगी इनकी निगरानी
इस पैथोलॅाजी लैब ऑन बाइक की भोपाल में निगरानी  गांधी मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा की जाएगी. मेडिसिन विभाग इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए हर संभव तैयारियां कर रहा है. बता दें कि निगरानी करने का काम डा. मंजू के नेतृत्व में किया जाएगा.

यहां पर भी लागू होगा प्रोजेक्ट
इस पायलट प्रोजेक्ट में भोपाल के अलावा पटना, गुवाहाटी,चेन्नई, जम्मू कश्मीर शामिल किया गया है. इस प्रोजेक्ट की मॅानीटरिंग दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल के मेडिसिन विभाग और आईसीएमआर के विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी. कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इसे पूरे देश भर में लागू किया जा सकता है.

बीमारियों में आ सकती है गिरावट
राजधानी भोपाल में इस पायलट प्रोजेक्ट के शुरु होने के बाद से लोगों की होने वाली बीमारियों में कमी देखी जा सकती है. क्योंकि इस प्रोजेक्ट के तहत डोर टू डोर जांच की जाएगी और रिपोर्ट दी जाएगी. इससे लोग अपने अंदर की बीमारियां जान पाएंगे. इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद बीमारियों में गिरावट भी देखी जा सकती है.

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