Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी के दिन क्यों की जाती है मां सरस्वती की पूजा, जानिए पौराणिक महत्व
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1538438

Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी के दिन क्यों की जाती है मां सरस्वती की पूजा, जानिए पौराणिक महत्व

Saraswati Puja Importance: माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस साल सरस्वती पूजा 26 जनवरी को है. आइए जानते हैं, इस दिन के पौराणिक महत्व के बारे में...

Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी के दिन क्यों की जाती है मां सरस्वती की पूजा, जानिए पौराणिक महत्व

Basant Panchami Importance: हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. हिंदू धर्म में इस त्यौहार का विशेष महत्व है. इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. धार्मिक मान्यता अनुसार इस दिन साहित्य, कला, शिक्षा, ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से करते हैं, उन्हें जीनव में कभी किसी चीज की कमी नहीं महसूस होती है. आइए जानते हैं कि आखिर बसंत पंचमी के दिन ही क्यों सरस्वती मां की पूजा की जाती है.

बसंत पंचमी के दिन क्यों की जाlती है मां सरस्वती की पूजा
धार्मिक मान्यता अनुसार बसंत पंचमी के दिन  सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा जी के कमंडल से विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. इसलिए हर साल इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन जगह-जगह सरस्वती पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है. इसे सरस्वती पूजा और माघ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.

बसंत पंचमी का महत्व
सभी 4 ऋतुओं में बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना जाता है. बसंत पंचमी के दिन शीत ऋतु का समापन होता है औ वसंत ऋतु का आगमन होता है. इस ऋतु के आगमन के साथ ही खतों में फसलें लहलहाने लगती है और पेड़-पौधों में फूल खिलने लगते हैं, चारों तरफ खुशी का माहौल रहता है. 

बसंत पंचमी की पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यता अनुसार सृष्टि के रचयिता ब्रम्हाजी मनुष्यों और जीवों की रचना के बाद देखा कि सृष्टि सुनसान और विरान नजर आ रही है. तब उन्होंने ब्रम्हा जी से अनुमति लेकर कमंडल से धरती पर जल छिड़का. कमंडल से निकलने वाले जल से अद्धभुद शक्ति के रूप में मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ. मां सरस्वती के एक हाथ में वीणा और दुसरे में वर मुद्रा थी. ब्रम्हा जी ने इनसे वीणा बजाने को कहा, जिसके बाद जीव-जंतुओं में वाणी आई. वाणी के साथ-साथ मां सरस्वती ने मनुष्यों को ज्ञान और बुद्धि भी दी. इसी वजह से हर साल बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं, उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है.  

ये भी पढ़ेंः Vishnu Puran के अनुसार कलियुग में लाखों कमाने पर भी इंसान रहेगा कर्जदार, जानें क्या है कारण

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news