छतरपुर के सिविल लाइन थाने के गोरैया गांव में साठ साल के एक बाबा ने जिंदा समाधि ले ली. बाबा ने 48 घंटे के लिए समाधि ली थी. हालांकि 4 घंटे बाद उसे निकाल लिया गया.
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हरीश गुप्ता/छतरपुर: जिले (Chhatarpur News) के सिविल लाइन थाने के गोरैया गांव (Goraiya village) में एक बुजुर्ग बाबा ने समाधि (priest taking samadhi) ले ली थी. दरअसल, नारायण दास नाम के एक बुजुर्ग बाबा ने खुद को 6 फीट गहरे और 5 x 10 फीट गहरे गड्ढे में बंद करवा लिया था. पूजा के साथ समाधि लेने की पूरी प्रक्रिया उनके भक्तों और ग्रामीणों के सामने हुई थी. बता दें कि बाबा ने अपने आप को लोहे की प्लेट्स से ढकवा दिया था और उस पर करीब 2 फीट ऊंची मिट्टी की परत चढ़ाई गई थी. जिस पर पूजा के बाद कई दीपक जलाए गए. यानी बाबा ने जिंदा समाधि ले ली थी. हालांकि सूचना लगते ही प्रशासन और पुलिस ने चार घंटे में गड्डा खोदकर बाबा को बाहर निकाल लिया.
दरअसल, आज दोपहर में बाबा नथ्थू नारायण दास ने छह फुट कर गड्डा खोदकर समाधि ले ली थी. समाधि की सूचना लगते ही पुलिस और राजस्व का अमला पहुंचा और गोरैया गांव के सिद्ध पीठ मंदिर के मैदान के गड्डे को खोदकर कर बाबा को निकलने की कोशिश की, लेकिन बाबा समाधि से निकलने पर आनाकानी करने लगा. हालांकि, बाद में बाबा समाधि से बाहर निकल आया.
बाबा पर हनुमान जी की कृपा है:ग्रामीण
मिली जानकारी के अनुसार आज 1:40 बजे जिस बाबा ने समाधि ली थी. उसका नाम नारायण दास है और वह गौरैया गांव के सिद्ध पीठ बाबा मंदिर के पुजारी है और बाबा ने 48 घंटे की समाधि ली थी. ग्रामीणों का कहना है कि बाबा पहले भी 3 बार समाधि ले चुके हैं और बाबा पर हनुमान जी की कृपा है. पुजारी नारायण दास कुशवाहा 60 साल के हैं.मामले को लेकर बाबा का कहना है कि मंदिर की जमीन का कोई विवाद है. जिसकी वजह से चौथी बार उसने समाधि ली है.
बता दें कि बाबा के समाधि लेने की खबर मिलते ही गौरैया गांव में पुलिस और प्रशासन की पहुंच गया था और बाबा को समाधि से निकालने का काम शुरू कर दिया गया था.बाबा की परेशानी को लेकर प्रशासन का कहना है कि बाबा से बात की जायेगी आखिर उनकी क्या समस्या है? उसका हल निकाला जाएगा.