Atalji Biography: अटलजी से जुड़े हर सवाल का जवाब, जानें पूरे 94 साल का सफर
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Atalji Biography: अटलजी से जुड़े हर सवाल का जवाब, जानें पूरे 94 साल का सफर

Atal Bihari Vajpayee Biography: आज भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. आज इस अवसर पर हम उनसे जुड़े हर सवाल का जवाब दे रहे हैं. यहां जानिए अटलजी का बायोग्राफी (Atalji Biography) और उनके 94 सालों का पूरा सफर

Atalji Biography: अटलजी से जुड़े हर सवाल का जवाब, जानें पूरे 94 साल का सफर

Atalji 94 Year Career: भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पांचवीं पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर (Gwalior) में जन्मे वाजपेयी आज के ही रोज साल 2018 में दुनिया को छोड़ गए. वो देश के इतिहास में ऐसे नेता थे जिन्हें पक्ष और विपक्ष सभी मानते थे. उनका जीवन से जुड़े कई सवाल (atal bihari vajpayee career) हैं जिसका जवाब सब चाहते हैं. आज इस अवसर पर हम उनके 94 सालों के सफर के हर सवाल का जवाब (Atalji Biography) देने की कोशिश कर रहे हैं.

कौन थे अटलजी?
अटलजी जनसंघ के संस्थापकों में एक और फिर बाद में बीजेपी के नेता रहे हैं. वो तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने और राजनीति में अपना बड़ा नाम बनाया. हिंदी कवि, पत्रकार होने के साथ-साथ वो प्रखर वक्ता भी थे. अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसे नेता थे जिन्हें हर दल स्वीकार करता था.

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जन्म और मृत्यू
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. पिता ग्वालियर रियासत में शिक्षक थे और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के मूल निवासी थे. वाजपेयीजी को साल 2009 में एक दौरा पड़ा था. 11 जून 2018 में किडनी में संक्रमण और कुछ समस्याओं के कारण उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया. जहां 16 अगस्त 2018 को उनकी मृत्यु हो गई.

शिक्षा कहां-कहां से हुई?
- वाजपेयीजी की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई कॉलेज) में हुई
- कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की
- कानपुर से ही उन्होंने पिता के साथ LLB की पढ़ाई की

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राजनीतिक सफर
- 1952 में वो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए
- 1957 में यूपी के बलरामपुर सीट से बतौर जनसंघ प्रत्याशी जीत हासिल की
- 1967 से 1977 तक जनता पार्टी की स्थापना के बाद से बीस साल तक संसदीय दल के नेता रहे
- 1968 से 1973 तक जनसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे
- 1977 से 1979 तक मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री रहे
- 1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की
- 6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने और दो बार राज्यसभा पहुंचे

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तीन बार पीएम बने
- 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने. लेकिन, 13 दिन में सरकार गिर गई
- 1998 में दोबारा पीएम बने, लेकिन, 13 महीने बाद फिर सरकार गिर गई
- 1999 में 13 दलों की गठबंधन सरकार बनी. इसमें उन्होंने पहली गैर कांग्रेसी सरकार के रूप में 5 साल पूरे किए

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काम जिससे बदली देश की दिशा
- 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण
- 19 फरवरी 1999 को पाक से संबंध सुधारने के उद्देश्य से सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर की बस सेवा
- 1990 में करगिल युद्ध में सेना ने पाक के अवैध कब्जे से भारत भूमि को छुड़ाया
- स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को सड़क मार्ग से जोड़ने की शुरूआत

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स्वतंत्रता आंदोलन में क्या योगदान था?
ब्रिटिश सरकार के विरोध में वाजपेयी को किशोरावस्था में जेल भेजे गए थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ से पहले उनका झुकाव साम्यवाद की ओर गया. लेकिन, बाद में राष्टवाद की ओर लौट आए.

वाजपेयी के प्रमुख कविताएं ?
मेरी इक्यावन कविताएं अटल बिहारी वाजपेयी के प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है. रग-रग हिंदू मेरा परिचय, मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान (लोकसभा में वाजपेयी के वक्तव्यों का संग्रह), संसद में तीन दशक, अमर आग है आदि उनकी प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं.

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अटलजी को मिले पुरस्कार मिले
- 1992 में पद्म विभूषण
- 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय से डी लिट की उपाधि
- 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार
- 1994 में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार
- 2015 में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से डी लिट की उपाधि
- बांग्लादेश सरकार की तरफ से 'फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वॉर अवॉर्ड'
- भारत सरकार की ओर से देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारतरत्न

आज अटलजी भले हमारे बीच नहीं है. लेकिन, उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा है. उनके काम और उनके तरीके आज भी भारत की राजनीति में जीवंत हैं. हर नेता उनके नाम को नहीं भूलता और उनकी तरह राजनीति का सपना देखता है. हम ही भारत रत्न अटल विहारी वाजपेय को नमन करते हैं.

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