Ashoknagar: बीमारी के कारण पैर हुए खराब तो स्‍कूल ने न‍िकाला, स‍िस्‍टम की मार से पढ़ाई में लगा ब्रेक
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Ashoknagar: बीमारी के कारण पैर हुए खराब तो स्‍कूल ने न‍िकाला, स‍िस्‍टम की मार से पढ़ाई में लगा ब्रेक

Ashoknagar news: दूसरी क्‍लास तक न‍िजी स्‍कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा के जब बीमारी के कारण पैरों में खराबी आ गई तो स्‍कूल ने उसे न‍िकाल द‍िया. बच्‍ची को पढ़ाई का जुनून था लेक‍िन स्‍कूल ही एडम‍िशन नहीं ले रहा था. क‍िसी तरह वह कुछ हद तक ठीक हुई और आगे पढ़ना चाहती है तो स्‍कूल अब उसका एडम‍िशन नहीं ले रहे हैं. यह वाकया मध्‍य प्रदेश के अशोकनगर ज‍िले से सामने आया है. 
 

बच्‍ची के प‍िता ने ज‍िला प्रशासन से लगाई गुहार.

नीरज जैन/अशोकनगर:  स्कूल अपनी मनमानी के लिए जग जाहिर हैं लेकिन अब ये निजी स्कूल संवेदनहीन भी होते जा रहे हैं. निरंकुश निजी स्कूलों की संवेदनहीनता का एक मामला अशोकनगर जिले में देखने को मिला जब एक शारीरिक रुप से अक्षम बालिका और उसके पालकों ने थक हारकर जनसुनवाई में गुहार लगाई. 

पढ़ने में होश‍ियार लेक‍िन पैरों से लाचार 
यह बालिका पैरों से लाचार है. खुद बिना सहारे चलना तो दूर खड़ी भी नहीं रह सकती लेक‍िन पढ़ने में होशियार है. इसकी शारीरिक अक्षमता का इसकी पढ़ाई पर असर पड़ा और स्कूल से निकाल दिया गया.अब किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं मिल रहा. 

दर-दर भटकने को बेटी हो रही मजबूर
पूरा मामला जिला मुख्यालय अशोकनगर का है. शिक्षा को लेकर सरकार की तमाम योजनायें कागजी साबित होती नजर आ रही हैं. बीमारी के चलते पढ़ाई को लेकर दर-दर भटकने को बेटी मजबूर हो रही है. सरकारी आदेशों को दरक‍िनार करते हुए न‍िजी स्‍कूल नजर आ रहे हैं. 

प्राइवेट स्‍कूल में पढ़ती थी आफरीन 
बेटी आफरीन निजी विद्यालय की छात्रा रही है और पढ़ने में होशियार है. अच्छे नम्बरों से पास होने वाली बेटी आज पढ़ाई के लिए विद्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है. पिता ने बताया कि उनकी बेटी आफरीन ने कक्षा दो तक पढ़ाई की, उसके बाद बीमारी के चलते उसके दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया. तमाम इलाज के बाद आज बेटी दीवार का सहारा लेकर चलने लगी है. 

स्‍कूल ने एड‍म‍िशन लेने से कर द‍िया था मना 
इलाज के बाद जब बेटी ने पड़ने की मंशा जाहिर की तो आफरीन के पिता एडमि‍शन के लिए बेटी के स्कूल पहुंचे जहां विद्यालय प्रबन्धन ने एडमि‍शन लेने से मना कर दिया. स्‍कूल ने इसका बेटी की बीमारी का बताया. 'बेटी पढ़ाओ' का नारा लगाने  वाली सरकार के सामने अब सवाल ये उठता है क‍ि आखिर कैसे पढ़ाएं?

कई स्‍कूल घूमे लेक‍िन नहीं म‍िला एडम‍िशन 
आफरीन के पिता को बेटी के विद्यालय से निराशा हाथ लगी तब अशोकनगर के दूसरे स्कूल में सम्पर्क किया लेकिन यहां भी एडम‍िशन नहीं हुआ. कारण बताया बेटी की बीमारी. आफरीन के पिता की मानें तो जिले के लगभग एक दर्जन से अधिक विद्यालयो के चक्कर काट चुके हैं लेकिन अभी भी इंतजार है कि बेटी का एडमि‍शन हो और बेटी पढ़ लिख कर आगे बढ़े.

ज‍िला प्रशासन से लगाई गुहार 
बहुत से स्कूल के चक्कर काटने के बाद पिता कलेक्‍ट्रेट पहुंचे जहां उन्होंने जिला प्रशासन से गुहार लगाई. अब देखना ये है कि बेटी आफरीन की आगे की पढ़ाई होती है या फ‍िर ये बीमारी उसके उज्जवल भविष्य को भी निगल लेगी. हालांकि इस मामले में जिले के एडीएम अनुज रोहतगी ने संज्ञान लेते हुए स्कूल प्रबंधन के नाम पत्र लिखकर दाखिले के आदेश दिए हैं. 

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