Morena Plane Crash के बाद MP में लागू हुई डीजीसीए गाइडलाइन, पायलट को पूरे करने होंगे ये पैमाने
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Morena Plane Crash के बाद MP में लागू हुई डीजीसीए गाइडलाइन, पायलट को पूरे करने होंगे ये पैमाने

MP DGCA Guideline: बीते दिनों मुरैना में हुए विमान हादसे (Morena Plane Crash ) के बाद एमपी में डीजीसीए ने नई गाइडलाइन (DGCA New Guidelines) जारी की है. आपको बता दें कि इसके तहत पायलट (Pilot) और सीनियर पायलट के अनुभवों को बढ़ाया गया है. 

Morena Plane Crash के बाद MP में लागू हुई डीजीसीए गाइडलाइन, पायलट को पूरे करने होंगे ये पैमाने

Morena Plane Crash: एमपी (Madhya Pradesh) के मुरैना में हुए विमान हादसे के बाद  MP विमानन विभाग (MP Aviation department) के राजपत्र में एक अधिसूचना जारी की गई है. इसमें विमान उड़ाने वाले पायलटों के अनुभवों की सीमा बढ़ाई गई है. बता दें कि अब दो हजार घंटे का अनुभवी पायलट ही वीआईपी हेलीकॅाप्टर (VIP Helicopters) उड़ा सकता है. इसके अलावा मल्टी इंजन वाले हेलीकॅाप्टर पर पायलट के पास 750 घंटे इन कमांड का अनुभव होना अनिवार्य रहेगा. 

आपस में टकराए थे विमान 
बीते दिनों में मुरैना दो विमान आपस में टकरा गए थे. आपको बता दें कि हवा में अभ्यास के दौरान सुखोई-30 और मिराज 2000 आपस में टकराया था. इसके बाद दोनों विमान क्रैश हो गए. इन दोनों हेलीकॅाप्टरों ने ग्वालियर से उड़ान भरी थी. हवा में टकराने के बाद एक विमान मुरैना के पहाड़गढ़ में गिरा था जबकि दूसरा विमान राजस्थान के भरतपुर में गिरा था.

घटना के बाद लिया गया निर्णय 
इस हादसे के बाद विमान विभाग ने ये निर्णय लिया. अगर विमान हादसों की बात करें तो देश में और भी कई बार इस तरह के हादसे देखे गए हैं. साल 2021 में विमान क्रैश होने की वजह से सीडीएस प्रमुख जनरल विपिन रावत की पत्नी सहित मौत हो गई थी और उनके अलावा भी हादसे में 13 अन्य लोगों ने भी अपनी जान गंवाई थी. उनकी मौत के बाद देश भर गम में डूबा था . लेकिन एक बार फिर हुए विमान हादसे ने सब को झंकझोर कर रख दिया है.

ताकि न हो हादसे 
एमपी विमानन विभाग ने अपनी सूचना में तय किया है कि अब विमान उड़ाने वाले पायलटों के अनुभवों को बढ़ाया गया है. उनके अनुभवों की सीमा बढ़ जाने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि विमान हादसों पर काफी हद तक विराम लगेगा. इसके पहले विमान उड़ाने वाले पायलटों के अनुभवों की सीमा 1 हजार घंटे थी पर अब वो बढ़ा कर दो कर दी गई है. जबकि अब सीनियर पायलटों के लिए 3 हजार घंटे का अनुभव अनिवार्य है और मल्टी इंजन वाले हेलीकॅाप्टर पर 750 घंटे पायलट इन कमांड का अनुभव अनिवार्य होगा पहले ये अनुभव 500 घंटे का था.

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