Chhattisgarh News: कांवड़ यात्रा के दौरान दुकान के सामने नेम प्लेट लगाने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद देशभर में राजनीतिक बहस छिड़ गई है. इसको लेकर धमतरी में मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ इस नियम को अपनाने पर विचार करेगा. उन्होंने कहा कि जो उचित लगेगा, वही किया जाएगा.
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Uttar Pradesh Kanwar Yatra rule: उत्तर प्रदेश में कांवड यात्रा के दौरान होटल, ढाबों और दुकानों के सामने नेम प्लेट लगाने का आदेश जारी होने के बाद देशभर में सियासी हलचल मच गई है. छत्तीसगढ़ की साय सरकार में कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा से जब छत्तीसगढ़ में इस नियम के संभावित क्रियान्वयन से संबंधित सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए धमतरी पहुंचे प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी इस नियम पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो उचित लगेगा, वही किया जाएगा.
'मामले पर विचार किया जाएगा'
गौरतलब है कि भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश चर्चा में है. वहां कांवड यात्रा के रास्ते में आने वाले होटल, ढाबों, फल समेत अन्य दुकानों के सामने नेम प्लेट लगाने का आदेश जारी हुआ है, जिसको लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. बता दें कि धमतरी के हरदिहा साहू समाज भवन में भाजपा जिला कार्यसमिति की बैठक (BJP District Working Committee Meeting) आयोजित की गई थी, जिसमें शामिल होने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा (Minister in charge Tankaram Verma) पहुंचे थे. धमतरी टंकराम वर्मा से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या इस तरह का नियम छत्तीसगढ़ में भी लागू होगा? जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी इस मामले पर विचार किया जाएगा और जो उचित लगेगा, वही किया जाएगा.
इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं के चलते प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेसी हार के कारण अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन विष्णुदेव साय की सरकार के 6 माह का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा हुआ है.
मध्य प्रदेश में भी उठी मांग
बता दें कि मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 1 साल पहले दुकानों और होटलों पर मालिक का नाम और संपर्क नंबर लिखना अनिवार्य कर दिया गया था. यह नियम धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है. जिसके चलते उज्जैन में धर्मगुरुओं ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई है और नगर निगम से इस नियम को सख्ती से लागू करने की मांग की है. वहीं, मामले को लेकर महापौर मुकेश टटवाल ने कहा है कि श्रावण मास में इस नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा. नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि जल्द ही इस पर अमल शुरू हो जाएगा.
संतों ने उठाई आवाज! पुराने आदेशों का हो पालन, उज्जैन में दुकानों और होटलों पर नाम-पता लिखना जरूरी
रिपोर्ट:सुभाष साहेब (धमतरी)